Premanand Maharaj Padyatra: संत प्रेमानंद की पदयात्रा फिर से शुरू, NRI ग्रीन सोसायटी के लोगों ने किया भव्य स्वागत

रात्रिकालीन पदयात्रा स्थगित करने के 11 दिन बाद संत प्रेमानंद महाराज ने भक्तों की मांग पर पुनः अपनी पदयात्रा (Premanand Maharaj Padyatra) शुरू कर दी। सोमवार रात दो बजे श्रीकृष्ण शरणम् कॉलोनी स्थित कुटिया से जैसे ही संत प्रेमानंद निकले, भक्तों के चेहरे खुशी से खिल उठे।

एक घंटे से उनके दर्शन की प्रतीक्षा कर रहे श्रद्धालुओं की आंखें भावुकता से छलक पड़ीं।

भक्तों की आंखों में छलका भावनाओं का सागर

छटीकरा मार्ग से शुरू हुई संत प्रेमानंद की पदयात्रा जैसे ही सड़क पर पहुंची, वहां उपस्थित भक्तों की आंखों में श्रद्धा के आंसू छलक पड़े। संत प्रेमानंद का चेहरा भी इस दौरान भावपूर्ण नजर आया। शांतिपूर्ण माहौल में पदयात्रा पुलिस सुरक्षा घेरे में आगे बढ़ी और एनआरआई ग्रीन कॉलोनी की ओर बढ़ने लगी। रास्ते में भक्तों ने रंगोली सजाई, दीप जलाए और स्वागत द्वार बनाए।

फूलों की वर्षा और रंगोली से स्वागत

संत प्रेमानंद पर भक्तों ने फूलों की वर्षा कर भव्य स्वागत किया। एनआरआई ग्रीन कॉलोनी के प्रवेश द्वार पर बाहर से आए भक्तों ने रंगोली सजाई और दीप जलाए। हालांकि, विरोध करने वाले कॉलोनी निवासी इस दौरान नजर नहीं आए। शांतिपूर्ण ढंग से निकली यह पदयात्रा मात्र 40 मिनट में श्रीराधा केलिकुंज आश्रम पहुंच गई, जबकि इससे पहले इस यात्रा को पूरा करने में दो घंटे लगते थे। पहले दिन लगभग दस हजार श्रद्धालुओं ने संत प्रेमानंद के दर्शन किए।

सोसाइटी अध्यक्ष ने मांगी थी माफी

रविवार को एनआरआई ग्रीन कॉलोनी के सोसाइटी अध्यक्ष आशू शर्मा ने संत प्रेमानंद से मुलाकात कर माफी मांगी और पदयात्रा उसी मार्ग से पुनः शुरू करने का अनुरोध किया, जिसे संत ने स्वीकार कर लिया। सोमवार को भी आसपास के निवासियों के प्रतिनिधिमंडल ने संत से मुलाकात की और पदयात्रा जारी रखने की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि पहले प्रतिदिन देशभर से एक लाख श्रद्धालु पदयात्रा में शामिल होते थे, लेकिन इसके स्थगित होने से भक्त निराश हो गए थे।

संत प्रेमानंद का जवाब

संत प्रेमानंद ने कहा, ‘हमें किसी से कोई शिकायत नहीं है। कुछ लोगों को दिक्कत हुई थी और हम किसी को परेशानी में नहीं डालना चाहते थे, इसलिए हमने पदयात्रा स्थगित कर दी थी। हमारे मन में किसी के प्रति दुर्भावना नहीं है। हम निश्चित रूप से अब पुनः नियमित रूप से रात दो बजे से श्रीकृष्ण शरणम् से पदयात्रा शुरू करेंगे। भक्तों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है।’

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