रणवीर अल्लाहबादिया को सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत, नहीं होगी गिरफ्तारी, यह सख्त टिप्पणी भी की

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने उन्हें तत्काल गिरफ्तार किए जाने पर रोक लगाई है. इसके साथ ही अल्लाहबादिया को आदेश दिया है कि वह अपने विवादित बयान को लेकर हो रही जांच में सहयोग करें.

अल्लाहबादिया ने कॉमेडी शो इंडियाज गॉट लैटेंट में विवादित बयान दिया था. मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इसे आपत्तिजनक, घृणित और गंदा बताया. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई की. बेंच ने अल्लाहबादिया को फटकारते हुए कहा, किसी को भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर समाज के मानदंडों के खिलाफ कुछ भी बोलने का लाइसेंस नहीं है.

अल्लाहबादिया के खिलाफ मुंबई, गुवाहाटी और जयपुर में केस दर्ज किया गया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई कि तीनों केस को एक साथ जोड़ा जाए. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने उनकी याचिका सुनी. बेंच ने कहा कि लोकप्रिय होने के बावजूद इस तरह के व्यवहार की निंदा की जानी चाहिए. उनके दिमाग में गंदगी भरी है. वह इसी गंदगी की उलटी कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, महाराष्ट्र और असम सरकार को दिया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, महाराष्ट्र और असम सरकार को नोटिस दिया है. कहा कि अगर किसी तरह की धमकी मिलती है तो अल्लाहबादिया महाराष्ट्र और असम की पुलिस से संपर्क कर अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि अल्लाहबादिया के खिलाफ इसी तरह के आरोपों को लेकर कोई और एफआईआर दर्ज नहीं की जाए. अल्लाहबादिया जांच में शामिल हों और बिना अनुमति के देश नहीं छोड़ें.

आप लोकप्रिय हैं इसका मतलब यह नहीं कि समाज को हल्के में ले सकते हैं

जस्टिस कांत ने कहा, अगर यह अश्लीलता नहीं है, तो क्या है? आप कभी भी अपनी अश्लीलता और अनैतिकता दिखा सकते हैं. केवल दो एफआईआर हैं. एक मुंबई में और एक असम में. स्वतंत्रता एक अलग मुद्दा है. ऐसा नहीं है कि हर मामला आपको निशाना बना रहा है. और आप उलझे हुए हैं. मान लीजिए कि 100 एफआईआर हैं तो वह कह सकता है कि वह अपना बचाव नहीं कर सकता.

उन्होंने कहा, इस तरह के व्यवहार की निंदा की जानी चाहिए. सिर्फ इसलिए कि आप लोकप्रिय हैं आप समाज को हल्के में नहीं ले सकते. आपने जो शब्द चुने हैं, उनसे माता-पिता शर्मिंदा होंगे. बेटियां और बहनें शर्मिंदा होंगी. पूरा समाज शर्मिंदा होगा. आप और आपके गुर्गे इस हद तक गिर गए हैं. कानून और व्यवस्था के शासन का पालन किया जाना चाहिए.

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