लक्ष्मी भंडार भत्ता बढ़ाने की घोषणा बजट में नहीं, बाद में हो सकता है ऐलान, ममता सरकार ने किए कई बड़े ऐलान

 

 

कोलकाता, 12 फरवरी  ।पश्चिम बंगाल सरकार के बजट में लक्ष्मी भंडार योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि बढ़ाने का कोई जिक्र नहीं किया गया है। हालांकि, प्रशासनिक हलकों में यह चर्चा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इस योजना की धनराशि बढ़ाई जा सकती है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद चुनाव से छह महीने पहले यह घोषणा कर सकती हैं।

लक्ष्मी भंडार योजना के तहत फिलहाल सामान्य श्रेणी की महिलाओं को प्रति माह 1,000 रुपये और अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को 1,200 रुपये मिलते हैं। इस योजना से अब तक 2.21 करोड़ महिलाएं लाभान्वित हुई हैं। हालांकि, राज्य सरकार के बजट दस्तावेज में इस योजना का जिक्र जरूर है, लेकिन इसमें अतिरिक्त धन आवंटन या प्रति लाभार्थी राशि बढ़ाने की बात नहीं कही गई है।

बजट में किन योजनाओं पर रहा जोर?
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने महिला सशक्तिकरण से जुड़ी कई योजनाओं का बजट में उल्लेख किया है। इनमें कन्याश्री, सबुजसाथी, रूपश्री और एक्यश्री जैसी योजनाएं शामिल हैं। बजट दस्तावेज में बताया गया है कि कन्याश्री योजना के कारण राज्य में बाल विवाह और स्कूल छोड़ने की दर में कमी आई है। अब तक इस योजना के तहत एक करोड़ छात्राओं को सहायता मिली है। वहीं, सबुजसाथी योजना के तहत 4,600 करोड़ रुपये की लागत से 1.26 करोड़ छात्रों को लाभ पहुंचाया गया है।

राज्य कर्मचारियों को मिला डीए बढ़ोतरी का तोहफा
इस बार के बजट में राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में चार फीसद की वृद्धि की है। हालांकि, इसके बावजूद केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के डीए में 35 फीसदी का अंतर बना हुआ है। केंद्र सरकार के कर्मचारी जहां 53 फीसदी डीए प्राप्त कर रहे हैं, वहीं राज्य के कर्मचारियों को अब 18 फीसदी डीए मिलेगा।

2025-26 के लिए बजट आवंटन
महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग के लिए इस बार 38,762.03 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। चूंकि अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए यह ममता सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है। अगले वर्ष “वोट ऑन अकाउंट” पेश किया जाएगा।

हालांकि, लक्ष्मी भंडार योजना में धनराशि बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इस पर बाद में विचार किया जाएगा। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव से पहले इस योजना की राशि बढ़ाकर ममता सरकार महिलाओं को साधने की रणनीति अपना सकती है।

 

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