नागपुरः महाकुंभ के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में छिटके हुए लोगों की ‘घरवापसी’ के आसार हैं. पता चला है कि प्रवीण तोगडिया के अन्तरराष्ट्रीय हिंदू परिषद का विश्व हिंदू परिषद में विलय करने की हलचल चल रही है.
तोगडिया की इस संदर्भ में संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत से दो बार लंबी चर्चा हो चुकी है. संगठन के पदाधिकारी संदर्भ में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. लेकिन इन खबरों से इनकार भी नहीं कर रहे.
24 जून 2018 को तोगड़िया ने विहिप से अलग हो कर
अन्तरराष्ट्रीय हिंदू परिषद का गठन किया था. संघ के 99 वर्ष के इतिहास में यह पहली बार हुआ था कि उससे जुड़े किसी संगठन का इस तरह से विभाजन हुआ. तोगड़िया ने देशभर का भ्रमण कर विहिंप के कार्यकर्ताओं को अपने संगठन से जोड़ा. संघ मुख्यालय वाले शहर नागपुर में भी विहिंप के दो फाड़ हुए. कई पदाधिकारी तोगड़िया के संगठन से जुड़ गए.
इनमें से अधिकांश संघ की शाखा के साथ भी जुड़े रहे.
कई वर्षों की तल्खी के बाद वर्ष 2024 में बर्फ पिघलने का सिलसिला आरंभ हुआ. विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके प्रवीण तोगड़िया ने दशहरे के बाद मोहन भागवत से मुलाकात की. इसके अगले महीने पुन: मुलाकात हुई. दोनों नेताओं ने हिंदुओं की एकता के लिए साथ मिलकर काम करने का संकल्प भी लिया.
अन्तरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि डॉ. भागवत ने इस दौरान हिंदुओं की एकजुटता पर जोर देते हुए उनसे साथ मिल कर काम करने की अपील की. बहरहाल इस बीच जनवरी में प्रयागराज में महाकुंभ आरंभ हो गया जिसमें सभी व्यस्त हो गए. सूत्रों का दावा है कि महाकुंभ के बाद पुन: पहल आरंभ होगी.
संघ स्वयंसेवकों की भी सेवा कर रहा : तोगडिया
डॉ. प्रवीण तोगडिया ने इस संदर्भ में कुछ भी स्पष्ट बोलने से इनकार किया. उन्होंने कहा कि वे एक महीने से महाकुंभ में व्यस्त हैं. हजारों लोगों के रहने का प्रबंध कर रहे हैं. लाखों को खाना खिला रहे हंै. एक लाख लोगों को कंबल दिए हैं. नागपुर, यवतमाल, मेरठ आदि क्षेत्र से प्रयागराज आने वाले संघ के स्वयंसेवक भी उनके यहां ठहर रहे हैं. उनके यहां कोई चर्चा नहीं. सेवा कार्य में लगे हुए हैं. कुंभ के अलावा कोई अन्य चर्चा नहीं हो रही.
सभी हिंदुओं के लिए द्वार खुले: संघ
संघ के पदाधिकारी इस संदर्भ में कुछ बोलने को तैयार नहीं है. बहरहाल सूत्रों का कहना है कि अन्तरराष्ट्रीय हिंदू परिषद का विहिप में विलय कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. वैसे संघ के द्वार विश्व भर के हिंदुओं के लिए खुले हुए हैं. संघ की चाहत है कि हिंदू एकजुट रहें.
कमल शर्मा