चित्तरंजन;04.02.2025; भारतीय रेल वर्ष 2025 में देश में इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन के 100 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। 3 फरवरी 1925 को बॉम्बे विक्टोरिया टर्मिनस और मुंबई में कुर्ला हार्बर के बीच शुरू हुई पहली इलेक्ट्रिक-चालित ट्रेन यात्रा के 3 फरवरी, 2025 को 100 साल पूरे हो गए। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि भारत के रेलवे नेटवर्क के आधुनिकीकरण में विद्युतीकरण की महत्वपूर्ण अध्याय है। इस गौरव यात्रा में भारतीय रेलवे की अग्रणी लोकोमोटिव विनिर्माण इकाई चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना (चिरेका) एक प्रमुख भागीदार की तरह कदम से कदम मिलाकर अग्रसर रहा है। जो भारत वर्ष के लोकोमोटिव विनिर्माण उद्योग की आधारशिला भी कही जाती है।
1948 में स्थापित सीएलडब्ल्यू ने लोकोमोटिव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रगति लाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। 1950 में भाप लोकोमोटिव उत्पादन के साथ शुरुआत करते हुए सीएलडब्ल्यू ने तेजी से नई प्रौद्योगिकियों को अपनाया और निरंतर विकास पथ पर आगे बढ़ते रहा।
चिरेका द्वारा 1961 में पहले इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव 1500 वी डीसी ‘लोकमान्य’ के उत्पादन ने एक निर्णायक मोड़ का प्रतीक बना। इसके ठीक दो साल बाद 1963 में सीएलडब्ल्यू ने पहला ब्रॉड गेज 25 केवी एसी लोकोमोटिव, WAG-1 ‘बिधान’ का उत्पादन करके एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। एसी ट्रैक्शन में यह परिवर्तन भारतीय रेलवे के लिए एक बड़ा कदम था।
विगत 75 वर्षों में सीएलडब्ल्यू ने प्रभावशाली रिकॉर्ड बनाते हुए विभिन्न श्रेणियों में 12,500 से अधिक लोकोमोटिव का निर्माण किया । स्टीम लोकोमोटिव: 1950 और 1972 के बीच पांच अलग-अलग प्रकार की 2,351 इकाइयां। डीजल लोकोमोटिव: 1968 और 1993 के बीच सात विभिन्न प्रकार की 842 इकाइयां। इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव: 1961 से वर्तमान तक 9,628 इकाइयों का निर्माण किया गया है। इन कीर्तिमान के कारण ही सीएलडब्ल्यू इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव उत्पादन में अग्रणी रूप से अपनी पहचान बनाने में सफल रहा।
चिरेका ने नवाचार प्रयास जारी रखते हुए 1998 में भारत के पहले 3-चरण WAG-9 लोकोमोटिव की शुरूआत और 2019 में 9000 HP WAG-9 HH लोकोमोटिव का विकास किया ,जो तकनीकी उन्नति के लिए चिरेका की जारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। हाल की उपलब्धियाँ जैसे अमृत भारत ट्रेनों के लिए WAP-5 एयरोडायनामिक पुश-पुल लोकोमोटिव (19.10.2023) और शक्तिशाली 12,000 HP WAG-9 ट्विन लोकोमोटिव (31.10.2023) का निर्माण CLW की क्षमताओं को उजागर करते हुए इन्हें रेल सेवा क्षेत्र में प्रगति का वाहक बनाता है।
वर्तमान वित्त वर्ष 2024-25 में CLW की मौजूदा पुराने WAP-5 लोकोमोटिव को एक तरफ एयरोडायनामिक कैब के साथ पुश पुल अनुरूप में परिवर्तित करने की योजना तैयार पर कार्य किया जा रहा है।
18.10.2024 को रूपांतरित रेल इंजन की पहली जोड़ी शुरू की गई थी। जिसे आईसीएफ में एलएचबी रेक के साथ एकीकृत किया जाएगा और अमृत भारत ट्रेनों में उपयोग में लाया जाएगा।
WAP-5 लोको के रूपांतरण से 22 कोच वाली AB ट्रेनों के लिए पुराने WAP5 लोको का बेहतर उपयोग का मार्ग सुनिश्चित होगा।
हाल ही में सी.एल.डब्ल्यू ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 500वें इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव को हरी झंडी दिखाई है । यह रिकॉर्ड उपलब्धि लगातार दूसरे वर्ष हासिल किया गया है और वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में 19 दिन पहले हासिल किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में सीएलडब्ल्यू ने 580 इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के अब तक के उच्चतम उत्पादन आंकड़े प्राप्त कर एक इतिहास रचा था।
आज,सीएलडब्ल्यू भारतीय रेलवे के लिए इलेक्ट्रिक इंजनों के अग्रणी निर्माता के रूप में अपना निरंतर योगदान दे रहा है। रेलवे सेवा प्रणाली के आधुनिकीकरण और भारत के अधिक स्थायी और कुशल परिवहन नेटवर्क में परिवर्तन के लिए चिरेका का निर्बाध योगदान आवश्यक और महत्वपूर्ण है।