बसंत पंचमी पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में मां सरस्वती की विशेष आराधना

वसंत पंचमी पर श्री काशी विश्वनाथ का दुल्हा रूप में श्रृंगार

दरबार में चढ़ा काशीपुराधिपति का तिलक,श्रद्धालुओं ने की भागीदारी

वाराणसी,03 फरवरी । बसंत पंचमी पर्व पर श्री काशी विश्वनाथ धाम में हर—हर महादेव के कालजयी उद्घोष के बीच मां सरस्वती का भी जयकारा गुंजायमान रहा। धाम परिसर में सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने। विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोऽस्तुते।। मंत्र के साथ मां की विशेष आराधना की गई। इस विशेष पूजा में मां सरस्वती के विग्रह पर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की गई।

पूजा में याजक की भूमिका कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने निभाई। उनके साथ इस अनुष्ठान में मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, निखिलेश कुमार मिश्र, अपर पुलिस आयुक्त, एस० चिन्नपा, डिप्टी कलेक्टर शम्भू शरण, विशेष कार्याधिकारी, उमेश सिंह, एवं नायब तहसीलदार, मिनी०एल० शेखर भी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर इस विशेष अवसर पर मां सरस्वती से विद्या, बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति की कामना की। इस दौरान मंदिर न्यास के अफसरों ने कहा कि बसंत पंचमी के दिन विशेष रूप से विद्या और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा का अत्यधिक महत्व है। यह पर्व विद्यार्थियों, शिक्षकों और कलाकारों द्वारा विशेष रूप से मनाया जाता है, ताकि उनके ज्ञान में वृद्धि हो और उनका बौद्धिक विकास हो सके। भारतीय संस्कृति में यह दिन विद्या के सम्मान और महत्ता का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन मां सरस्वती की पूजा से व्यक्ति की बुद्धि में वर्धन होता है और ज्ञान की प्राप्ति होती है। बसंत पंचमी के दिन शाम को बाबा के दरबार में उनके तिलक की रस्म भी निभाई गई। इस पूजा में न्यास प्रशासन एवं पुलिस सुरक्षा के अधिकारियों तथा कार्मिकों ने भी भाग लिया।

 

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