कोलकाता । कोलकाता की एक विशेष एनआईए अदालत ने आईएएस आतंकी मूसा को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मोहम्मद मसीउद्दीन उर्फ मूसा को सीआईडी ने जुलाई 2016 में गिरफ्तार किया था। सीआईडी और जीआरपी के संयुक्त अभियान में मूसा को बर्दवान स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था। हावड़ा-विश्व भारती फास्ट पैसेंजर ट्रेन से गिरफ्तार किए जाने के बाद उसके पास से आग्नेयास्त्र और धारदार हथियार भी बरामद किए गए थे। जांच में पता चला था कि मूसा बीरभूम में नरसंहार की योजना बना रहा था। 2014 में मूसा ने सोशल प्लेटफॉर्म पर कुख्यात आतंकी संगठन आईएस के एक हैंडलर से संपर्क किया था। मूसा ने कई युवकों को भी आईएस से जोड़ा था।
घटना की जांच बाद में एनआईए को दे दी गई थी। जांच में पता चला कि मूसा ने देश के विभिन्न पर्यटन केंद्रों को निशाना बनाने की योजना बनाई थी। मूसा को पहले देशद्रोह और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का दोषी ठहराया गया था। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी), 121 (ए), 122, 123; यूएपीए अधिनियम और शस्त्र अधिनियम की धारा 18, 20 और 36 के तहत मामले लंबित थे। एनआईए कोर्ट ने मूसा को उन सभी आरोपों में दोषी पाया। आईएस आतंकी मूसा को शुक्रवार को कोलकाता की विशेष एनआईए अदालत ने सजा सुनाई।
गौरतलब है कि यह पहला मौका है जब पश्चिम बंगाल में किसी आईएस आतंकवादी को दोषी ठहराया गया है। गिरफ्तारी के बाद से मूसा से कई बार पूछताछ की जा चुकी है। उसका ट्रायल काफी समय से चल रहा था। आखिरकार शुक्रवार को एनआईए कोर्ट ने कुख्यात आतंकी मोहम्मद मोसीउद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाई।