रानीगंज। रानीगंज के डालपट्टी काली तला इलाके में स्थित 80 वर्षों पुराने खटाल को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। पीएन मालिया रोड पर स्थित इस खटाल को खाली कराने के लिए अदालत ने आसनसोल नगर निगम को आदेश दिया था। लेकिन खटाल में रहने वाले लगभग 300 लोगों के विरोध और अदालत के नए स्थगन आदेश से फिलहाल इसे खाली कराने की प्रक्रिया रुक गई है।
यह खटाल दो पीढ़ियों से वहां मौजूद है और इससे सैकड़ों लोगों का जीवन-यापन जुड़ा हुआ है। खटाल संचालक सज्जन यादव ने कहा कि इस जमीन पर मालिकाना हक को लेकर विवाद चल रहा है, और बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के खटाल को हटाना अन्यायपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि अचानक हटाने की कोशिश से उनके परिवार और बच्चों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा। जमीन के एक हिस्सेदार राजेश गनेड़ीवाला ने कहा कि अदालत का आदेश सर्वोपरि है, लेकिन खटाल में रहने वाले लोगों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाना भी जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि जमीन के मालिकों को इन लोगों के पुनर्वास पर विचार करना चाहिए ताकि सभी पक्षों के हित सुरक्षित रह सकें। आसनसोल नगर निगम के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरके श्रीवास्तव ने बताया कि अदालत के स्थगन आदेश के कारण खटाल खाली कराने की प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है। अदालत ने खटाल संचालकों को चार महीने का समय दिया है। स्थगन आदेश के बाद खटाल में रहने वाले लोगों ने राहत की सांस ली। उन्होंने कहा कि वे इस अवधि में जमीन मालिकों के साथ बैठक कर मामले का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। खटाल संचालकों का कहना है कि 80 वर्षों से वे यहां रहकर काम कर रहे हैं और अचानक हटाए जाने से उनका जीवन प्रभावित होगा। अदालत की मोहलत के दौरान खटाल संचालक और जमीन मालिक आपसी बातचीत के जरिए समाधान निकालने का प्रयास करेंगे। खटाल संचालकों ने प्रशासन से भी अपील की है कि कोई वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि उनका जीवन प्रभावित न हो।