राधा का प्रेम भक्ति का सर्वोच्च स्वरूप : भागवताचार्य दामोदर प्रसाद शर्मा

कोलकाता । भागवताचार्य दामोदर प्रसाद शर्मा (मंटू पण्डित जी) ने माथुरवैश्य भवन में श्रीमद्भागवत कथा में श्रीकृष्ण – रुक्मणि विवाह, सुदामा चरित्र, परीक्षित मोक्ष के प्रसंग में संगीतमय कथा सुना कर श्रद्धालु भक्तों को भाव विभोर किया । व्यास पीठ से भागवताचार्य डी पी शर्मा, मंटू पण्डित जी ने कहा रुक्मणि से विवाह करने का कृष्ण का निर्णय ईश्वरीय इच्छा से प्रेरित था । रुक्मणि का प्रेम मानवीय भावनाओं और आध्यात्मिक भक्ति के बीच संतुलन का प्रतीक है । राधे – राधे भक्तिमय वातावरण में कहा राधा का प्रेम भक्ति के सर्वोच्च स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है । श्रीकृष्ण एवम सुदामा की मित्रता के प्रसंग में कहा भगवान अपने भक्त में अमीर – गरीब का भाव नहीं देखते । श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता समाज में समानता का संदेश देती है । राधा रमण हरि गोविन्द जय जय …. भक्तिमय वातावरण में समाजसेवी राजेन्द्र गुप्ता, अंकित गुप्ता (कपूरवाले), सतीश (सीताराम) गुप्ता, सुरेश – मंजू कौशल, प्रवीण (टिंकू) गुप्ता, नाथूराम गुप्ता, राजीव कौशल, रोहित गुप्ता (लाला), गिरिराज गुप्ता, अजय गुप्ता (बंटी), राजकुमार गुप्ता, उमेश गुप्ता, सीताराम गुप्ता, सुभाष – रेखा गुप्ता, रामप्रकाश – अशोक गुप्ता, विनोद – राजन गुप्ता, ऋषि – कमलेश गुप्ता, रामकुमार – आशा गुप्ता, रजनीश पारोलिया, सरला गुप्ता, महेन्द्र गुप्ता एवम् श्रद्धालु भक्तों ने व्यास पीठ का पूजन किया ।

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