महारास का मतलब है आत्मा और परमात्मा का मिलन : भागवताचार्य श्रीजी

कोलकाता । भागवताचार्य श्रीनिवास शर्मा श्रीजी ने पी एस मैग्नम में श्रीमद्भागवत कथा में श्रद्धालु भक्तों को भाव विभोर करते हुए कहा महारास का मतलब है आत्मा और परमात्मा का मिलन । भागवताचार्य श्रीजी ने श्रीकृष्ण – रुक्मणि विवाह के प्रसंग में संगीतमय कथा सुनाते हुए कहा रुक्मणि के प्रेम, समर्पण के संदेश को श्रीकृष्ण ने स्वीकार कर लिया । रुक्मणि को संकट से निकालने के लिए श्रीकृष्‍ण ने रुक्मणि का अपहरण कर लिया । रुक्मणि के भाई रुक्मी, शत्रु सेना से युद्ध में श्रीकृष्ण विजयी हुए और रुक्मिणी को लेकर द्वारिका आ गये और विधिवत विवाह किया । उन्होंने कहा प्रेम, भक्ति से भगवान प्रसन्न होते हैं । भागवताचार्य श्रीजी ने राधा-कृष्ण की प्रीति, प्रेम के प्रसंग में कहा श्रीकृष्ण और राधा एक ही है. उनका अलग-अलग अस्तित्व नहीं है । सुशील अग्रवाल, मुकेश अग्रवाल, रवि गोयल, श्रीबल्लभ दुजारी, सुरेन्द्र डागा, समितेष अग्रवाल, चन्द्र प्रकाश गाड़ोदिया, ओम प्रकाश तोसावड़, एस के गांधी, आलोक पोद्दार, नारायण दास भट्टड़, विनोद तोषनीवाल, आलोक परसरामपुरिया, पूनम चन्द सुतार, द्वारका डिडवानिया, कमल मल्ल, बिमल अग्रवाल, राजेश गर्ग, नीलू अग्रवाल, वन्दना सिंघानिया, शशि अग्रवाल, कृष्णा बजाज, अनिता दुजारी, सरोज अग्रवाल, मंजू कुलथिया, ममता अग्रवाल, रेखा सिंह, संजय पृथानी, सुचित्रा भानीरामका, संतोष तोसावड, मीनाक्षी चांदगोठिया एवम श्रद्धालुओं ने व्यास पीठ का पूजन किया ।

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