नई दिल्ली के ‘3,मोतीलाल नेहरू रोड’ पर सुरक्षा बढ़ाई गई, मनमोहन सिंह के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचने लगे लोग

ई दिल्ली, 27 दिसंबर । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज सुबह से बूंदाबांदी हो रही है। लुटियंस दिल्ली के मोतीलाल नेहरू रोड स्थित बंगला नंबर 3 में माहौल गमजदा है। हर आंख नम…और हर आने वाले के चेहरे पर गम की परछाइयां नजर आ रही हैं।

तीन एकड़ के भूखंड वाले इस विशाल टाइप-आठ बंगले में पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से रात करीब एक बजे पहुंचा है।

तीन, मोतीलाल नेहरू रोड करीब 10 वर्ष तक प्रख्यात अर्थशास्त्री और पूर्व प्रधानमंत्री सिंह का आवास रहा। 92 वर्ष की आयु में उन्होंने रात को एम्स में आखिरी सांस ली। वो इस बंगले में तब आए थे जब मई, 2014 में नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी। मोदी 7 रेसकोर्स रोड (अब 7 लोक कल्याण मार्ग) रहने पहुंचे और सिंह 3, मोतीलाल नेहरू मार्ग । डॉ. सिंह से पहले यह बंगला दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का आधिकारिक आवास हुआ करता था। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उन्होंने इसे खाली कर दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री होने के नाते सिंह को उनके परिवार के साथ एसपीजी सुरक्षा मिली हुई थी। मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव में हुआ था।

इस समय तीन मोतीलाल नेहरू मार्ग के बाहर पुलिस के बैरिकेड्स लगे हुए हैं। केंद्र सरकार ने 26 दिसंबर से पहली जनवरी तक पूरे देश में सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इसके बाद केरल सरकार ने जिला कलेक्टरों को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुकाने का निर्देश दिया। दिवंगत नेता के अंतिम संस्कार कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा आज होने की उम्मीद है। डॉ. सिंह के सम्मान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के स्थापना दिवस समारोह सहित सभी आधिकारिक कार्यक्रम आगामी सात दिन के लिए रद्द कर दिए गए हैं। इस अवधि के दौरान पार्टी का झंडा आधा झुका रहेगा।

सिंह के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शोक जताया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ बीते राजनीतिक पलों को याद किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, देश ने अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया।साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वो एक सम्मानित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्तमंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर अपनी सेवाएं दीं और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीतियों पर गहरा प्रभाव छोड़ा। संसद में उनके विचारपूर्ण हस्तक्षेप भी हमेशा उल्लेखनीय रहे। प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, शब्दों के बजाय काम करने वाले व्यक्ति, राष्ट्र निर्माण में उनका अतुलनीय योगदान हमेशा भारतीय इतिहास में अंकित रहेगा। कांग्रेस नेता एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि सिंह ने बुद्धिमत्ता और ईमानदारी के साथ भारत का नेतृत्व किया। उनकी विनम्रता और अर्थशास्त्र की गहरी समझ ने पूरे देश को प्रेरित किया। उन्होंने अपना मार्गदर्शक खो दिया।

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