वैदिक भारतीय संस्कृति के अनुरूप जीवनयापन करें — स्वामी विशोकानंद भारती

कोलकाता । निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती महाराज ने श्रीमद् देवी भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में  वैदिक भारतीय संस्कृति के अनुरूप जीवनयापन करने की प्रेरणा दी । उन्होंने कहा सनातन हिन्दू धर्म में नारी को मातृ शक्ति कहा गया है । भारतीय नारी को पारिवारिक सुरक्षा, संस्कार और सुव्यवस्था से अपने मातृत्व को सार्थक करना चाहिये ।

समाजसेवी श्याम रतन – कृष्णा, हेमन्त – रितिका, दीपक – दिव्या मूंधड़ा एवम् परिवार के सदस्यों तथा श्रद्धालु भक्तों ने व्यास पीठ का पूजन किया । बीकानेर राजगुरु स्वामी विशोकानंद महाराज ने कहा श्रीमद् देवी भागवत महापुराण में आद्य शक्ति भगवती देवी की आराधना, गुण, शक्ति के दर्शन की व्याख्या है । देवी भागवत पुराण, जिसे देवी भागवतम, भागवत पुराण, श्रीमद भागवतम और श्रीमद देवी भागवतम के नाम से भी जाना जाता है, देवी भगवती आद्यशक्ति/देवी दुर्गा को समर्पित हिंदू धर्म के अठारह प्रमुख महा पुराणों में से एक है जो महर्षि वेद व्यास द्वारा रचित है । श्रीमद् देवी भागवत पुराण का श्रवण- अनुष्ठान करने पर श्रद्धालु भक्त पुण्य अर्जित करते हैं, इसे नवान्ह कथा ज्ञान यज्ञ भी कहा गया है । मूंधड़ा परिवार के सदस्यों ने श्रद्धालु भक्तों का स्वागत किया ।

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