
कोलकाता । भागवताचार्य श्रीनिवास शर्मा श्रीजी ने श्रीमद्भागवत कथा को सनातन हिन्दू धर्म में अमृत कलश बताया एवम् कहा कथा श्रवण करने से आत्मीय सुख का अनुभव होता है । श्रीमद्भागवत का दिव्य प्रकाश धरा धाम पर 2 पक्ष में विभाजित है, प्रथम वेद व्यास (गुरु), द्वितीय भागवत । साधक दिव्य प्रकाश प्राप्त करने के बाद परमात्मा (मोक्ष) की ओर प्रस्थान करता है । परमात्मा भक्त ध्रुव, प्रह्लाद की तरह साधक की रक्षा करते हैं, साधक भवसागर को पार करता है । भागवताचार्य श्रीनिवास शर्मा श्रीजी ने कहा संत शिरोमणि शुकदेव द्वारा सुनी हुई भागवत कथा से राजा परीक्षित पर ईश्वर की कृपा हो गई तथा परीक्षित निर्वाण प्राप्त कर परम सत्य में ब्रह्मलीन हो गये । उन्होंने कहा श्रीमद्भागवत कथा श्रवण करने से मन – मानस पवित्र होता है । जीवन में सफलता पाने के लिए मन का शुद्ध होना जरूरी है । भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में एक है । श्रीमद्भागवत कथा, श्रीकृष्ण लीला, सनातन धर्म के उद्देश्य को दर्शाती है । पी एस मैग्नम में 24 दिसम्बर से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के लिये मुकेश अग्रवाल, सुशील अग्रवाल, रवि गोयल, श्रीबल्लभ दुजारी, समितेष अग्रवाल, चन्द्र प्रकाश गाड़ोदिया, ओमप्रकाश तोसावड़, एस के गांधी, नारायण दास भट्टड़ एवम् श्रद्धालु भक्त सक्रिय हैं ।
