फरक्का, 13 दिसंबर । पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के फरक्का में नाबालिका के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में जंगीपुर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शुक्रवार को सजा का ऐलान कर दिया। दो महीने के भीतर सुनवाई पूरी करते हुए अदालत ने एक आरोपित को फांसी और दूसरे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया गया है।
यह घटना पिछले अक्टूबर में विजयादशमी के दिन हुई थी, जब नाबालिका अपने दादा के घर घूमने आई थी। आरोपित ने उसे बहाने से बुलाकर दुष्कर्म और हत्या की थी।
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ममता ने की सराहना
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस त्वरित सुनवाई और सजा के लिए राज्य पुलिस की सराहना की। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “मैंने पहले भी कहा है और फिर कहती हूं, दुष्कर्मियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। समय पर जांच और सजा देना उन अपराधियों को कड़ा संदेश देता है कि ऐसे अपराध बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।”
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मामले का घटनाक्रम
घटना विजयादशमी की सुबह की है, जब नाबालिका का बस्ते में बंद शव एक पड़ोसी के घर से बरामद हुआ। परिवार ने आरोप लगाया कि बच्ची को बहाने से बुलाकर दुष्कर्म और हत्या की गई। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए स्थानीय मछली व्यापारी दीनबंधु हलदार और उसके साथी शुभजीत हलदार को गिरफ्तार किया।
जांच के दौरान आरोपितों ने कबूल किया कि दीनबंधु ने फूल चढ़ाने के बहाने बच्ची को अपने घर बुलाया। वहां दोनों ने मिलकर उसके साथ दुष्कर्म किया और फिर गला घोंटकर हत्या कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची के साथ दुष्कर्म और उसकी निर्मम हत्या की पुष्टि हुई।
पुलिस को घटनास्थल से सिगरेट के टुकड़े मिले, जिनमें गांजा भरा हुआ था। फॉरेंसिक जांच में इन सिगरेटों पर मिले डीएनए का मिलान पीड़िता के कपड़ों पर मिले डीएनए से हुआ। इसके अलावा, बच्ची के शरीर पर कई चोटों के निशान पाए गए।
सरकारी वकील विभास चट्टोपाध्याय ने कहा, “अपराध की नृशंसता को देखते हुए मैंने दोनों आरोपितों के लिए मृत्युदंड की मांग की थी। अदालत ने दीनबंधु हलदार को फांसी और शुभजीत हलदार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।”
फरक्का कांड में दो महीने के भीतर आए इस फैसले से राज्य पुलिस और न्याय व्यवस्था की कार्यप्रणाली पर सकारात्मक संदेश गया है।