बांग्लादेश से वीजा प्रतिबंध की वजह से मुश्किल में पड़े रायगंज विश्वविद्यालय के शोधार्थी

रायगंज विश्वविद्यालय, उत्तर दिनाजपुर

कोलकाता, 03 दिसंबर । पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के कारण भारत में उच्च शिक्षा और शोध के लिए वीज़ा प्रक्रिया बंद हो गई है। इसके चलते रायगंज विश्वविद्यालय में अध्ययनरत बांग्लादेशी शोधार्थी गंभीर संकट में हैं। वीज़ा की अनुपलब्धता के कारण पीएचडी और शोधकार्य अधर में लटक गया है, जिससे इन छात्रों का भविष्य अनिश्चित हो गया है।

रायगंज विश्वविद्यालय, जो उत्तर दिनाजपुर जिले में स्थित है, लगभग एक दशक से विभिन्न विषयों में बांग्लादेशी छात्रों को शोध के अवसर प्रदान करता रहा है। अब तक कई छात्र यहां से पीएचडी पूरी कर चुके हैं। वर्तमान में 35 बांग्लादेशी शोधार्थी विश्वविद्यालय में शोधकार्य कर रहे हैं। हालांकि, वीज़ा प्रतिबंध के कारण इन छात्रों का भारत आकर शोध जारी रखना असंभव हो गया है।

इंग्लिश डिपार्टमेंट के शोधार्थी सुभाष रॉय और अर्थशास्त्र विभाग के शरीफुल इस्लाम इसका प्रमुख उदाहरण हैं। दोनों ने शोधकार्य लगभग पूरा कर लिया था, लेकिन वीज़ा न मिलने के कारण वे विश्वविद्यालय लौटकर अपना शोध पूरा नहीं कर पा रहे हैं। शरीफुल इस्लाम ने शोध प्रबंध जमा कर दिया है, लेकिन फाइनल अवार्ड प्राप्त करना उनके लिए चुनौती बन गया है।

रायगंज विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति दीपक कुमार राय ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों से बांग्लादेशी छात्र विश्वविद्यालय में इतिहास, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, और वाणिज्य जैसे विषयों में शोध कर रहे थे। लेकिन बांग्लादेश में मौजूदा अशांति के कारण वीज़ा प्रतिबंध लागू है। इस वजह से इन छात्रों का शोधकार्य प्रभावित हुआ है।

रजिस्ट्रार दुर्लभ सरकार ने कहा कि वीज़ा न मिलने से कम से कम दस छात्रों का शोधकार्य पूरी तरह अनिश्चित हो गया है। उन्होंने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि यह छात्रों के शैक्षिक और पेशेवर जीवन पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है।

बांग्लादेशी छात्रों के लिए शोधकार्य को फिर से शुरू करने का रास्ता तभी साफ होगा जब दोनों देशों के बीच वीज़ा संबंधी समस्याओं का समाधान होगा। फिलहाल, इन शोधार्थियों का भविष्य संकट में है, और विश्वविद्यालय प्रशासन इस समस्या का कोई समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है।

 

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