तीन मादक पदार्थ तस्करों को 12 साल की सश्रम कैद और दो लाख का जुर्माना

कोलकाता, 01 दिसंबर । पश्चिम बंगाल पुलिस‌ की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा दर्ज किए गए नारकोटिक्स केस में तीन मादक पदार्थ तस्करों को 12 साल की सश्रम कैद और दो लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। यह फैसला कल (30 नवंबर 2024) बैरकपुर स्थित एडीजे प्रथम न्यायालय ने सुनाया। जुर्माना न भरने पर दोषियों को एक अतिरिक्त साल की सश्रम कैद भुगतनी होगी।

एसटीएफ के एसपी इंद्रजीत बसु ने रविवार को बताया कि इस मामले में दोषी पाए गए तीनों आरोपितों के नाम रामकृष्ण कर्मकार उर्फ पागला, नेपाल हलदर और अजय सरकार हैं। ये सभी 2021 में एयरपोर्ट थाना क्षेत्र में मादक पदार्थ (गांजा) के साथ गिरफ्तार किए गए थे। उनके पास से भारी मात्रा में गांजा बरामद किया गया था, जिसे वे मुनाफे के लिए बेचने की योजना बना रहे थे।

एसटीएफ ने इस मामले की गहराई से जांच की। जांच का नेतृत्व तत्कालीन एसटीएफ इंस्पेक्टर आलोक पाल ने किया। नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्स्टेंस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत यह मामला दर्ज किया गया था।

एसटीएफ ने एनडीपीएस एक्ट के तहत आर्थिक जांच करते हुए दोषियों की कुल 3.5 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की। इसे सक्षम प्राधिकारी द्वारा पुष्टि के बाद राज्य सरकार के नाम जब्त कर लिया जाएगा।

एसटीएफ के एसपी, आईपीएस इंद्रजीत बसु ने बताया कि यह फैसला मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ एसटीएफ की बड़ी जीत है। उन्होंने कहा कि सख्त कार्रवाई और न्यायालय के फैसले से इस तरह की गैर-कानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगेगा।

 

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