पार्टी के खिलाफ बगावती सुर : तृणमूल विधायक ने कारण बताओ नोटिस का दिया जवाब

कोलकाता, 29 नवंबर (हि.स.)। तृणमूल कांग्रेस के बागी विधायक हुमायूं कबीर ने शुक्रवार को पार्टी की अनुशासन समिति द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब सौंप दिया है। यह नोटिस उन्हें पार्टी विरोधी बयान देने के आरोप में इसी सप्ताह दिया गया था।

कबीर, जो पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के भरतपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, ने अपना जवाब राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेव चटर्जी को सौंपा। चटर्जी पार्टी की विधायी अनुशासन समिति के सदस्य हैं।

गुरुवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री और पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कबीर को जमकर फटकार लगाई थी। उन्होंने कबीर से कहा कि पहले कारण बताओ नोटिस का जवाब दें, फिर कोई बात करें।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री की फटकार कबीर के लिए एक चेतावनी साबित हुई, जिसके चलते उन्होंने अगले ही दिन नोटिस का जवाब जमा कर दिया। उन्हें 27 नवंबर को कारण बताओ नोटिस दिया गया था और तीन दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया था।

सोमवार को तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि विशेष विषयों पर बयान देने के लिए कुछ नेताओं को अधिकृत किया जाएगा। साथ ही, यह तय किया गया कि यदि कोई नेता पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। तीन बार नोटिस का जवाब न देने पर उस नेता को निलंबित कर दिया जाएगा।

लेकिन इस निर्णय के 24 घंटे बाद ही कबीर ने मीडिया में बयान देकर पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन किया। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कुछ ऐसे नेताओं ने घेर रखा है जिनकी वास्तविक मंशा संदिग्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि जो नेता मुख्यमंत्री को गुमराह कर रहे हैं, उन्हें 2026 के विधानसभा चुनावों में जवाब मिलेगा।

कबीर पहले भी विवादास्पद बयान देते रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों में बहरमपुर से पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को उम्मीदवार बनाए जाने पर उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा था। उन्होंने पठान को बाहरी करार दिया था। इसके अलावा, उन्होंने यह विवादित बयान भी दिया था कि पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल जिले में हिंदुओं को काटकर भागीरथी नदी में फेंक दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा विधानसभा में सीधे फटकार मिलने के बाद कबीर ने नोटिस का जवाब देने में देर नहीं की। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह कदम उनके लिए एक चेतावनी का संकेत है, जो पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नेताओं को अनुशासन में लाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?