
मित्रों
बड़े ही भारी मन से यह समाचार देते हुए काफी दुख हो रहा है कि श्रीमती सरला कानोड़िया (79) अब हमारे बीच नहीं रही। उनकी सुपुत्री ॠचा कानोड़िया ने थोड़ी देर पहले मुझे फोन पर बताया- मम्मी कल प्रातः करीब 5 बजे बाथरुम में गिर कर अचेत हो गयी थीं। इसके बाद डाक्टर को बुलाया गया, जिन्होंने घोषित किया कि वे परलोक सिधार गयी हैं। मम्मी ने परसों वृहस्पतिवार को भी सारे दिन सामान्य रूप से कामकाज किया। कल भी सबेरे आराम से उठी थी। बाथरूम जाने के बाद वहां अचानक गिर पड़ी और सब कुछ समाप्त। ॠचा की बातें सुनकर मेरे दिमाग में सरला जी से पहली मुलाक़ात चलचित्र की भांति घूम गयी। उनकी आत्मीयता, सरलता, सादगी व प्रेमपूर्ण व्यवहार ने मन को छू लिया। हालांकि उन्हें कानों से थोड़ा कम सुनाई देता था, पर वे मेरी हर बात को समझ जाती थी और उसका उत्तर देती थी। भगवान पर उनका अगाध विश्वास था। 24 वर्ष पहले सन् 2000 में पति श्री जनार्दन प्रसाद कानोड़िया को खोने के बाद अपनी पांचों पुत्रियों को बड़े धैर्य व साहस के साथ संभाला। गत 11 नवम्बर को ही उनकी पुण्यतिथि थी। 4 दिनों बाद सरला जी भी उनसे जा मिलीं। विधि का शायद यही विधान था। ज्ञातव्य है कि इनके श्वसुर सुप्रसिद्ध उद्योगपति श्रद्धेय श्री छोटेलाल जी कानोड़िया ने परम गोभक्त स्वामी करपात्री जी महाराज की अनुप्रेरणा से 1948 में सन्मार्ग (कलकत्ता ) की स्थापना की थी। कालांतर में जनार्दन जी ने कुछ अनिवार्य कारणों से इसका मालिकाना सन्मार्ग के मैनेजर श्री राम अवतार गुप्त तथा उनके सहयोगियों को स्थानांतरित कर दिया। श्री गुप्त के चले जाने के बाद इस लोकप्रिय समाचार पत्र की देखरेख उनके पौत्र विवेक गुप्त कर रहे हैं।
मित्रों मेरे आग्रह पर श्रीमती सरला कानोड़िया गत 2 जून को पाठक मंच की दूसरी वर्षगाँठ पर अपनी सुपुत्री ॠचा कानोड़िया के साथ प्रेस क्लब (कोलकाता) में पधारी थीं। मंच को उनका आशीर्वाद मिला था, जिसे शब्दों का रूप दिया था पुत्री ऋचा ने। इस अवसर पर हमने दोनों का सम्मान किया था। सरला जी को शाल ओढ़ा कर पाठक मंच की ओर से सम्मानित किया था वरिष्ठ पत्रकार तथा दैनिक छपते छपते के सम्पादक व ताजा टीवी के डायरेक्टर विश्वम्भर नेवर ने। तब कहां पता था कि हमारा साथ इतनी जल्दी छूट जायेगा। हम परमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि वे उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें एवं परिवार को विशेषकर ऋचा को, जो दिनरात उनके साथ रहती थी, धैर्य धारण करने की शक्ति दे। मै अपनी ओर से तथा पाठक मंच के सभी सदस्यों व शुभेच्छुओं की ओर से दिवंगत आत्मा को नमन करते हुए हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
सीताराम अग्रवाल
संस्थापक एवं एडमिन
पाठक मंच कोलकाता
16 नवम्बर 2024
