सम्मान पाना आसान,लेकिन उसकी गरिमा को बचाना मुश्किल : संजय सिन्हा

नेपाल से लौटकर सिन्हा ने मीडिया को किया संबोधित

आसनसोल: ‘ भारत में आज भी भ्रष्टाचार चरम पर है।नियम कानूनों की धज्जियां उड़ रही हैं,लेकिन इस तरफ सही नजर न तो सरकार की है और न ही नीति निर्धारकों की।देश के नागरिकों को उनका मौलिक अधिकार तक नहीं मिल पाता है।आम लोगों को अधिकारों की जानकारी तक नहीं है। ‘ ये कहना है मीडिया पर्सनैलिटी और सोशल एक्टिविस्ट संजय सिन्हा का।नेपाल से ग्लोबल एक्सीलेंस अवॉर्ड लेकर आसनसोल लौटे श्री सिन्हा मीडिया से मुखातिब थे।उन्हें इंटरनेशनल मीडिया फोरम का चेयरमैन (भारत) भी बनाया गया है।बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि, ‘हमारी संस्था इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल देश भर में लगातार लोगों को जगाने में लगा है,ताकि उन्हें अपने अधिकारों का पता लगे और वे अपने अधिकारों के लिए लड़ सकें।भ्रष्टाचार का प्रबल विरोध कर सकें। ‘ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, ‘ सम्मान पाना थोड़ा आसान है,लेकिन उसकी गरिमा को बचाकर रखना बहुत मुश्किल।मैं देश और समाज के लिए और विशेषकर अपने पत्रकार साथियों के लिए दिल से काम करना चाहता हूं।पत्रकारों और वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेनों में जो रियायत दी जाती थी,वह बंद है। मैंने रेल मंत्री को पत्र लिखा है।हम पत्रकारों की सुरक्षा के लिए भी लड़ रहे हैं।आज हर जगह श्रमजीवी पत्रकारों की स्थिति बेहद खराब है।दूसरों की व्यथा सुनने वाले पत्रकार साथी खुद ही व्यथित हैं।उनके लिए लड़ाई कौन करेगा,यह एक बड़ा सवाल है।सच तो ये है कि हम सबको मिलकर स्थिति सुधारनी होगी,वरना हालात नाजुक होते चले जाएंगे। ‘ उन्होंने सभी पत्रकार साथियों के प्रति आभार व्यक्त किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

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