
बराकर। धनबाद से हावड़ा के मध्य रोजाना चलने वाली ट्रेन कोलफील्ड एक्सप्रेस में त्योहारी सीजन में यात्रियों की भीड़ ने जहां एक तरफ लोगों को परेशान कर दिया है ,वहीं रेलवे प्रशासन की अनदेखी कहें या लापरवाही के शिकार भी यात्री विशेष कर दैनिक यात्री हो रहे हैं, दरअसल, ट्रेन के करीब आधा दर्जन बोगियों में सीट के ऊपर स्थापित किए गए बंकरों को विगत कुछ महीनों से हटा दिए जाने की वजह से दैनिक यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। ज्ञातव्य हो कि पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से धनबाद के हावड़ा के मध्य पड़ने वाले कुमारधुबी, बराकर, कुल्टी, सीतारामपुर, आसनसोल, रानीगंज, अंडाल, वारिया, दुर्गापुर, पानागढ़ तथा मानकर स्टेशनों से बड़ी तादात में दैनिक यात्री यानी कि डेली पैसेंजर काम के सिलसिले में यात्रा करते हैं, कोलफील्ड एक्सप्रेस को धनबाद से कोलकाता के बीच रहने वालों की लाइफलाइन भी कहा जाता है लेकिन अचानक सीटों के ऊपर वाले बंकरों को हटा देने से बढ़ती त्योहारी सीजन की भीड़ में लोगों को यात्रा में कठिनाइयों से दो चार होना पड़ रहा है, जहा दैनिक यात्री को फर्स पर बैठ कर सफर करने पर मजबूर होना पड़ रहा है,जिससे यात्रियों को किसी प्रकार असुविधा न हो,डिब्बे में बंकर रहने से यात्री के समान के साथ कुछ यात्री ऊपर बंकर पर भी बैठ कर यात्रा करते है , शनिवार की सुबह दुर्गा पूजा के बाद हुई यात्रियों की भारी भीड़ का दंश सबसे अधिक डैली पैसेंजरों को हुआ, पिछले पैंतीस वर्ष से दैनिक यात्रा करने वाले बाबू दत्ता एवं बलदेव रवानी ने बताया कि भीड़ में लोगों को परेशानी न हो इस हेतु उन्होंने अपनी सीट छोड़कर बोगी की फर्श पर बैठना सही समझा, दोनों की मानें तो कोलफील्ड एक्सप्रेस में दिनों दिन भीड़ बढ़ती जा रही है और ऐसे में सीटों के ऊपर वाले बंकरों में समान रखने अथवा आवश्यकतानुसार यात्रियों के बैठने का भी जुगाड़ हो जाता था लेकिन कुछ महीने से बंकरों को हटाने से सबसे अधिक असुविधाएं डैली पैसेंजरों को हो रही है, उन्होंने आगे बताया कि डैली पैसेंजर रोजाना यात्रा करते हैं और अग्रीम यात्रा कार्ड बनाकर रेल के टीकटधारी यात्री होते हैं लेकिन अन्य यात्रियों विशेषकर महिलाओं, वृद्धों, दिव्यांगों अथवा बच्चों को हरदम खुद की सीट देने से पीछे नहीं हटते। बताया कि डैली पैसेंजरो की मांग है कि रेलवे प्रशासन को बंकरों को पुनः लगाने का काम त्वरित किया जाए।
