भावों का भव्य आलोक है : साहित्यकार “रजनी-प्रभा”

नीति आयोग द्वारा मानित राष्ट्रीय संस्था परिवर्तन योगेश के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं संरक्षक योगेश तरेहन जी एवं सीनियर जर्नलिस्ट राष्ट्रीय महासचिव श्री मनोज दुबे जूरी कमेटी ने सहमति से नोबेल पुरस्कार के लिए शुभकामनाएं दी।
चिंतन जब भावों का अनुगामी बन अभिव्यक्ति का रूप लेता है तो ’ढाई आखर प्रेम के’ जैसी गंभीर ’काव्य संग्रह’ का सृजन होता है।रजनी प्रभा की इस भावांजलि ने बिहार की शिवपुजित धरती एवम सूरम अंचल में स्थित पटना की उपात्यकाओं में स्थित उनके आवास में श्रद्धा और भक्ति को भी मानों साकार होते अनुभूत किया है।उनकी लिखी रचनाएं भावों का भव्य आलोक हैं जो बिहार की शिवपुजित धरती और प्रकृति परिवेश को चिंतन के नेत्रों से एक अभिनय रूप प्रदान करता है।भविष्य में आपका चिंतन और निखरें तथा प्रकृति से तादात्म्य स्थापित कर उसे नए _नए रूपों में अभिव्यक्त करे इसी शुभकामनाओं के साथ सीनियर जर्नलिस्ट एवम राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोज दूबे ने शुभकामनाएं दी हैं एवम सेनानायक जनरल रंजीत सिंह ने दिल्ली से शुभकामनाएं प्रेषित करने का साथ उन्होंने अभिव्यक्त किया है की उनका चिंतन और निखरें और देश में रूढ़िवादिता का अंत करने में उनकी कलम और प्रखर हो।


बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर बिहार, विश्वविद्यालय,मुजफ्फरपुर,बिहार से शोधकार्य कर रही रजनी प्रभा सुपुत्री श्री राजकुमार सिंह एवम् राधा सिंह,बिहार के एक छोटे से गांव सिरोपट्टी,सीतामढ़ी से आती हैं।रजनी को अल्पायु में ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंदी की सेवा हेतु नीति आयोग द्वारा मानित संस्था के ’परिवर्तन योगेश’ द्वारा ”नोवेल पुरस्कार” से सम्मानित किया जाएगा।संप्रति आप नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली,की आजीवन सदस्या,विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज की आजीवन सदस्या, भारतीय कवि संघ की राष्ट्रीय सचिव,अंतरराष्ट्रीय पत्रिका मकस कहानिका की संपादक, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की राष्ट्रीय सचिव,रचना दर्शन की संस्थापिका आदि हैं।


राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की लगभग 25 सेमिनारों में आप प्रतिभाग कर चुकीं हैं। ’हॉवर्ड विश्व रिकॉर्ड ऑफ लंदन’ में अपना 3 बार नाम दर्ज करा चुकी हैं।कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्र_पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं छपती आई हैं।साथ ही आपको दर्जनाधिक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हो चुकी है।राजभाषा,दूरदर्शन और आकाशवाणी में अपनी प्रस्तुति देने के साथ ही आप कई आयोजनों का सफल संचालन कर चुकीं हैं।आप समसामयिक मुद्दों पर लिखती हैं।विशेषकर युवाओं में राष्ट्र सेवा हेतु जज़्बा और जुनून भरने हेतु इनकी लेखनी धाराप्रवाह रूप से चलती है।ये पंक्तियां इसकी साक्षी है,,,
हम आज के पथ के प्रेमी है,कल की हमको परवाह नहीं,
अंगारों पर जब चल जायेंगे,क्यों मिलेगी हमको राह नहीं।


लेखक सीनियर जर्नलिस्ट एवं
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है।
एवं विश्व ब्राह्मण अंतरराष्ट्रीय संगठन के ब्रांड एंबेसडर भी है।

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