
जामुड़िया। विहंगम योग संत समाज का शताब्दी समारोह महोत्सव पर 25 हजार कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ वाराणसी के उमराहां में आगामी 6 एवं 7 दिसंबर को आयोजित होगी। जिसके निमित्त स्वर्वेद कथामृत के प्रवर्तक सुपुज्य संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज के पावन सानिध्य में कन्याकुमारी से काश्मीर तक राष्ट्रव्यापी संकल्प यात्रा बीते 7 जुलाई को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई। संकल्प यात्रा का पश्चिम बंगाल में आगमन शनिवार को हुआ। शनिवार को जामुड़िया के निंघा स्थित महर्षि सदाफल देव आश्रम में जय स्वर्वेद कथा, ध्यान साधना सत्र एवं संत प्रवर श्री विज्ञान देव महाराज की दिव्य वाणी आयोजित हुई। कार्यक्रम में लगभग 500 श्रद्धालुओं ने सर्वेवेद महामंदिर निर्माण एवं महायज्ञ के लिए संकल्प लिया।

इसके पश्चात संगीतमय स्वर्वेद कथा के साथ दिव्यावाणी हुई जिसमें संतप्रवर ने कहा कि जहां प्रेम की पूर्णता है वहीं परमात्मा का वास है। सत्य पर विश्वास ही श्रद्धा भाव है। सत्य पर विश्वास करने के बाद ही ब्रह्म विद्या के सत्य मार्ग की प्राप्ति होती है। सेवा सत्संग और साधना के मार्ग पर चलने से हम निरंतर परमात्मा की ओर आगे बढ़ते रहेंगे। जब हमें ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है तब हमें परम शक्ति का अनुभव होता है। हम सबके अंदर परम प्रभु बैठे हैं जिसका अनुभव हमें सेवा सत्संग एवं साधना से मिलता है। हमें इसका ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी कारण से किसी को भी अज्ञान एवं अधर्म पूर्वक दुख नहीं पहुंचे। इसके अलावा उन्होंने बताया कि वाराणसी में निर्मित सर्वेद महामंदिर धाम अध्यात्म का एक केंद्र बन गया है जहां पर एक साथ 20 हजार लोग बैठकर ध्यान साधना कर सकते हैं। जब से स्वर्वेद महामंदिर धाम का निर्माण हुआ है तब से जिज्ञासुओं में जिज्ञासा बनी है कि आखिर यहां क्या मिलता है ? स्वर्वेद महामंदिर धाम बनने के बाद से एक लाख से ज्यादा लोगों ने ब्रह्म विद्या विहंगम योग का ज्ञान प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि हम लोग शताब्दी समारोह मना रहे हैं जो पूर्णता की ओर है। 6 एवं 7 दिसंबर को 25 हजार कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ वाराणसी के उमराहां में आयोजित होगा।जिसके हम साक्षी बनेगे।इसके साथ ही उन्होंने यज्ञ से होने वाले लाभ के विषय पर विस्तार अवगत कराया। इस कार्यक्रम मे अंतरराष्ट्रीय संत श्री किशनलाल शर्मा, अतिथियों में सद्गुरु के शिष्य सीआईएसएफ के डीआईजी प्रबोध चंद्रा, पूर्व प्रधान अध्यापक सुनील कुमार श्रीवास्तव, वहीं निघा में राष्ट्रीय प्रचारक आलोक साहा एवं रीता साहा, आश्रम के अध्यक्ष पीएन सिंह, संयोजक उमेश सिंह, पश्चिम बंगाल के प्रभारी जीबी सिंह, कोषाध्यक्ष भोला सिंह, ललन सिंह, आदित्य विश्वकर्मा, गणेश बर्नवाल,श्याम सुंदर बर्नवाल, डॉ सुरेश महतो, सुप्रियो मंडल, अशोक सिंह, संजीत मोदी सहित अन्य विशिष्ट लोग उपस्थित थे।
