कोलकाता : पश्चिम बंगाल में एक बीमार शिक्षिका को कलकत्ता हाईकोर्ट ने राहत दी है। कोर्ट के बहुचर्चित न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली ने शिक्षिका की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद दो दिनों के अंदर उसे होम टाउन में नियुक्त करने संबंधी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी करने का आदेश स्कूल को दिया है। इसके साथ ही जिला स्कूल निरीक्षक और स्कूल सेवा आयोग के चेयरमैन को आदेश दिया है कि शिक्षिका का आवेदन मिलते ही तुरंत उसे होमटाउन में नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। स्निग्धा दत्त नाम की शिक्षिका बर्दवान स्थित अपने घर से निकल कर ट्रेन से रोज 144 किलोमीटर का यात्रा करती थी और फिर इतना ही सफर कर घर लौटती थी। उनकी नौकरी हावड़ा के उलूबेरिया जयपुर सुरंगमई बालिका विद्यालय में है। चिकित्सकों के परामर्श के मुताबिक उन्होंने तबादले के लिए आवेदन किया था लेकिन स्कूल की ओर से उन्हें नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं दिया जा रहा था। चार बार आवेदन के बावजूद स्कूल अथवा शिक्षा विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। गुरुवार को न्यायमूर्ति गांगुली ने अपने आदेश में कहा है कि 48 घंटे के अंदर उलूबेरिया स्कूल को नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट देना होगा और शिक्षा विभाग को तुरंत उनके होम टाउन में स्कूल में नियुक्ति करनी होगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने काफी दिनों पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि शिक्षकों की नियुक्ति उनके गृह जिले में होगी लेकिन इसका क्रियान्वयन अभी तक नहीं हो सका है जिसे लेकर सवाल खड़े होते रहते हैं।