कोलकाता, 9 सितंबर : कोलकाता की प्रख्यात साहित्यिक संस्था बंगीय हिंदी परिषद द्वारा दो सत्रों में भारतेंदु जयंती, परिषद स्थापना दिवस, सम्मान समारोह एवं कविकल्प का भव्य आयोजन किया गया। प्रथम सत्र की अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष श्री प्रियंकर पालीवाल ने तथा दूसरे सत्र की महानगर के जाने- माने ग़ज़लकार श्री नंदलाल रौशन ने की। मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. सत्यप्रकाश तिवारी जी उपस्थित थें। स्वागत वक्तव्य में परिषद के मंत्री डाॅ. राजेन्द्र नाथ त्रिपाठी जी ने समस्त श्रोताओं एवं वक्ताओं का स्वागत करते हुए भारतेंदु से जुड़े गंभीर तथ्यों को सामने रखा, साथ ही सद्भाव, एकता, एवं भाईचारा जैसे मूल्यों पर चलने की सलाह दी।
उक्त अवसर पर सैकड़ों सुधि जन की उपस्थिति में साहित्य एवं शिक्षा को समर्पित तीन महान विभूतियों यथा- नूर मोहम्मद नूर, चंद्रिका प्रसाद पांडेय ‘अनुरागी’, राम पुकार सिंह ‘ पुकार गाजीपुरी’ को संस्था के वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा श्रीफल, शाल, मोमेंटो, सम्मान पत्र और नक़द धनराशि दे कर क्रमशः आचार्य ललिता प्रसाद सुकुल सम्मान, आचार्य विष्णुकांत शास्त्री सम्मान एवं प्रोफेसर रामनाथ तिवारी सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन परिषद के निदेशक प्रो. रणजीत कुमार संकल्प तथा कविकल्प की संयोजिका श्रीमती मौसमी प्रसाद ने किया। सर्वश्री गजेन्द्र नाहटा, रणजीत भारती, रामाकांत सिन्हा, डॉ. मनोज मिश्र, नगेन्द्र कुमार दूबे, धर्मदेव सिंह, अनिल कुमार उपाध्याय, रूपम महतो, ज़ोया अहमद, वदूद आलम, चन्द्र किशोर चौधरी, रंजना, अश्विनी , फ़ौज़िया अख़्तर, नारायण शाह, ओम प्रकाश चौबे, अशरफ़ अली खान, ज़फ़र अहमद, विवेक तिवारी, सुषमा राय पटेल, पुष्पा मिश्रा, शिविर ढाढाॅनिया, डॉ. शिप्रा मिश्रा, नादरा नाज़, शाहिद परवेज़, संजय शुक्ल, सुरेश चन्द गुप्त, प्रदीप कुमार धानुक, सिनोद कुमार गोंड, डॉ. अरविंद मिश्र, अनीसा साबरी, परवेज़ आलम, फ़रहाना ख़ातून, डॉ. राजन शर्मा, वंदना पाठक तथा नंदू बिहारी ने अपनी प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को समृद्ध किया। धन्यवाद ज्ञापन परिषद के प्रबंध निदेशक श्री रमाकांत सिन्हा ने किया।