
विद्यालय को राजनीति का केन्द्र न बनाया जाए-अभिभावक संघ
चिरकुंडा। चिरकुंडा स्थित लोयला स्कूल में चल रहे छात्राओं द्वारा मेहंदी लगाने पर विद्यालय प्रबंधन द्वारा दंडित किए जाने के मामले को विद्यालय के पूर्ववर्ती छात्रों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विद्यालय के विरुद्ध दुष्प्रचार करने को लेकर मंगलवार को स्कूल प्रांगण में एक बैठक अभिभावक एवं दुष्प्रचार कर रहे युवकों तथा प्रशासन के बीच में बैठक संपन्न हुई। बैठक में विद्यालय के प्रिंसिपल जानी पी देवसिया ने कहा कि हम विद्यालय से वैसा प्रोडक्ट तैयार करके देना चाहते हैं जो बच्चे आगे चलकर अपने परिवार व समाज का सहारा बने और ऐसा कोई मामला नहीं हुआ है जिसमें विद्यालय प्रबंधन कहीं से भी दोषी हो विद्यालय कैंपस के अंदर विद्यालय से जुड़ी हुई नियमावली के आधार पर विद्यालय संचालित की जाती है।देवसिया ने कहा कि बच्चों की जो भी समस्या थी उसका निपटारा कर दिया गया। वहीं युवकों द्वारा यह आरोप लगाया गया कि सनातन संस्कृति पर प्रहार करने का कार्य विद्यालय प्रबंधन द्वारा किया गया बच्चियों को राखी के दिन मेहंदी लगाकर विद्यालय जाने पर विद्यालय प्रबंधन द्वारा विद्यालय से बाहर निकालने की धमकी दी गई जिसके बाद यह मामला विद्यालय कैंपस से बाहर पहुंचा। इसके बाद यह युवक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विद्यालय के विरुद्ध दुष्प्रचार करने लगे। इस विषय को लेकर अभिभावक भी विद्यालय प्रबंधन के पक्ष में खड़ा हो गया और कहा कि विद्यालय के नियम के अनुसार ही बच्चे विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करेंगे व विद्यालय को राजनीती का केन्द्र नही बनाया जाए। वहीं प्रशासन द्वारा कहा गया कि विद्यालय के विरुद्ध सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप ग्रुप फेसबुक या इंस्टाग्राम पर विद्यालय से संबंधित दुष्प्रचार वाले वीडियो को यदि प्रसारित किया जाएगा तो स्थानीय प्रशासन द्वारा वैसे तत्व पर कार्रवाई करने की भी हिदायत दी गई। बैठक में मुख्य रूप से चिरकुंडा थाना प्रभारी सुनील कुमार सिंह, फादर अमातुस कुजूर,शिक्षाविद वीरेंद्र अटल सहित दर्जनों अभिभावक मौजूद थे। विद्यालय के पक्ष में अभिभावक संघ भी विद्यालय प्रबंधन के साथ खड़े दिखे बैठक के दौरान कई बार विद्यालय के पूर्ववर्ती छात्रों व अभिभावक तथा विद्यालय प्रबंधन के बीच नोक झोंक भी हुई जिसको चिरकुंडा थाना प्रभारी सुनील कुमार सिंह द्वारा शांत कराया गया और चिरकुंडा थाना प्रभारी सुनील कुमार सिंह के विद्यालय में पहुंचते ही मामले को निपटाया गया।
