आसनसोल (संवाददाता): राजस्थान के सूरजगढ़ तहसील की ग्राम पंचायत बङसरी का बास ग्राम बांझरोली के वैद्य स्व.श्री साँवलराम जी शर्मा के पुत्र श्री राजकुमार शर्मा।
आपकी स्कूली शिक्षा चिङावा की डालमिया सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हुई। सन 1979 से 30 सितंबर 1984 तक आपने पश्चिम बंगाल के बराकर कस्बे में सूरजगढ़ वालों की फर्म मैसर्स- शिवबक्स राय रामेश्वर लाल में नौकरी की।
14 नवंबर 1984 को राजस्थान पुलिस में आपका चयन हुआ। तब से आज तक आप उदयपुर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
आपके द्वारा इमानदारी से की गई सराहनीय सेवा के कारण समय-समय पर पुलिस विभाग ने आपको उत्तम, अति उत्तम तथा सर्वोत्तम पदक प्रदान कर सम्मानित किया है।
वर्तमान में आप एस.आई. के पद पर कार्यरत हैं। तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बतौर रीडर अपनी सेवा दे रहे हैं।
धार्मिक प्रवृत्ति के होने के कारण आप समय-समय पर विभिन्न धार्मिक स्थलों का भ्रमण करते रहते हैं। विभिन्न समाचार पत्रों में “चिङावा के प्रमुख दर्शनीय मंदिर” नामक पुस्तक की भूरी-भूरी प्रशंसा पढ़कर आपके मन में उक्त पुस्तक को देखने/पढ़ने की इच्छा प्रबल हुई। और आपने अपने स्तर पर मेरा मोबाईल नंबर तलाश कर कोरियर चार्ज सहित पुस्तक का मूल्य बैंक अकाउंट में जमाकर पुस्तक की प्रति मंगवाई। पूरी पुस्तक पढ़ने के बाद आपने पुनः मुझे फोन कर बताया कि पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त होने के बाद मैं आपकी पुस्तक में वर्णित चिङावा के सभी मंदिरों का दर्शन करना चाहूंगा। इस दौरान उन्होंने मुझे भी साथ रहने का आग्रह किया।