कोलकाता । सनातन हिन्दू धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज के प्राकट्य दिवस पर पीठ परिषद, आदित्य वाहिनी, आनन्द वाहिनी की ओर से समाजसेवी डॉ. बिट्ठल दास मूंधड़ा की अध्यक्षता में संघश्री में आयोजित कार्यक्रम में आस्था, भक्ति भाव से समाजसेवी पण्डित लक्ष्मीकांत तिवारी, मूलचंद राठी, कर्नल राजीव श्रीवास्तव, प्रो. रविंद्रनाथ भट्टाचार्य, डॉ. राजश्री शुक्ला, अशोक झा, सुरेन्द्र अग्रवाल, स्वामी निर्गुणानंद ब्रह्मचारी, डॉ. अशोक पोद्दार, देवाशीष गोस्वामी, पिंकी गोस्वामी, स्वामी निर्गुणानंद वेदांती एवम श्रद्धालुओं ने करपात्री महाराज का स्मरण किया । डॉ. बी डी मूंधड़ा ने आद्य शंकराचार्य परम्परा में आचार्य मंडन मिश्र एवम उनकी धर्मपत्नी भारती के साथ आद्य शंकराचार्य के शास्त्रार्थ का उल्लेख करते हुए शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज के मार्गदर्शन में राष्ट्रोत्कर्ष अभियान में भारतीय संस्कृति, शिक्षा, वेद, उपनिषद, पुराण एवम मनीषियों के बताए मार्ग का अनुसरण करने की प्रेरणा दी । उन्होंने कहा लॉर्ड मैकाले की शिक्षा नीति से संस्कार विलुप्त हो रहे हैं । डॉ. राजश्री शुक्ला ने शिव तत्व एवम स्वामी करपात्री महाराज के कृतित्व पर अपने विचार व्यक्त किये । संयोजक प्रेमचंद्र झा ने हिंदुओं को संगठित कर भारत, नेपाल, भूटान हिन्दू राष्ट्र के उद्देश्य से कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करने का आहवान किया । मायाशंकर झा, प्रकाश किल्ला एवम वक्ताओं ने गोसंरक्षण, गोसंवर्धन के लिये सामाजिक कार्यकर्ताओं को प्रेरणा दी । समाजसेवी राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, शंकरलाल सोमानी, सुरेश चौधरी, पुरुषोत्तम तिवारी, राजकुमार मूंधड़ा, अशोक कंदोई, मालचंद चांडक, महेश आचार्य, चंद्रचूड़ गोस्वामी, कमल मित्रा एवम कार्यकर्ता सक्रिय रहे । संचालन राजेन्द्र कुमार सोनी ने किया ।