दामोदर घाटी विस्थापित एवं स्थानीय समन्वय समिति के द्वारा धनबाद सांसद ढुलु महतो को ज्ञापन सौंपा गया

मैथन। दामोदर घाटी विस्थापित एवं स्थानीय समन्वय समिति के महामंत्री उत्पल चक्रवर्ती, मैथन इकाई के सचिव अमर साव, संयुक्त सचिव बदन दास और डी.वी.सी. कैजुअल मजदूर संघ के सचिव श्यामल बाउरी, अध्यक्ष कैलाश पासवान, बाबलु कुमार। रामचंद्र कुमार सिंह ने धनबाद के सांसद ढुलु महतो से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा।

डी.वी.सी. कैजुअल मजदूर संघ ने सांसद महोदय से अनुरोध करते हुए पत्र के माध्यम से कैजुअल मजदूरों को लिए पेंशन मंत्रालय, कार्मिक प्रशिक्षण विभाग, केंद्र सरकार द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन संख्या 49014/5/2019- Estt.(C), दिनांक 13 फरवरी, 2020 के अनुरूप वेतनमान और अन्य सभी लाभ दिया जाए अथवा बी.टी.पी.एस. के साप्लाई मजदूर के समान वेतन सह सभी सुविधा प्रदान किया जाए।
वहीं विस्थापित संगठन ने माननीय सांसद महोदय से उन मुद्दों को डीवीसी के समक्ष उठाने का अनुरोध किया जो 68 साल पहले डीवीसी द्वारा अंतिम रूप दिए जाने चाहिए थे। लुयाडी, भूरसा और आदिवासी गांव केसरकुराल (नीमडांगाल) में पुनर्वासित भूमि पर पुनर्स्थापित परिवारों को स्वामित्व का अधिकार प्रदान करना। डीवीसी के पुनर्वासित गांवों को डीवीसी सीएसआर गतिविधियों मे लाने के लिए कार्यालय आदेश जारी करना । सबसे पहले डीवीसी से प्रभावित विस्थापित एवं झारखंड के स्थानीय व्यक्तियों को दुकानें और क्वार्टर आवंटित करना । डीवीसी परियोजना के 10 किलोमीटर की परिधि के परे सभी प्रभावित गांवों में सामूहिक विकास करना । सूचीबद्ध अनुकंपा उम्मीदवारों के बराबर सूचीबद्ध विस्थापितों को रोजगार के बदले एकमुश्त राशि का भुगतान। डीवीसी के प्रभावित विस्थापितों को उनकी योग्यता के अनुसार सभी प्रकार अस्थाई नौकरी मे सभी श्रेणियों यानी अकुशल, अर्ध कुशल, कुशल, उच्च कुशल श्रेणी में प्राथमिकता देते हुए डीवीसी परियोजनाओं के आसपास रहने वाले झारखंड के स्थानीय लोगों को नौकरी प्रदान करना। डीवीसी के नियमानुसार विस्थापितों को पेटी कॉन्ट्रैक्ट मे सूचीबद्ध करना । मैथन के विस्थापितों तथा स्थानीय लोगों की अन्य विभिन्न प्रकार के समस्याओं पर विस्तार पूर्वक विचार-विमर्श किया गया ।
विस्थापितों एवं कैजुअल लोगों की सभी समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनने के बाद माननीय सांसद महोदय ने डीवीसी के अध्यक्ष को पत्र लिखकर इस लंबित समस्या को गंभीरता से लेते हुए यथाशीघ्र समाधान करने का आग्रह किया तथा डीवीसी के अध्यक्ष से दोनों पक्षों की सुविधानुसार किसी एक तिथि पर बैठक निर्धारित करने का अनुरोध किया। उन्होंने कैजुअल एवं विस्थापित प्रतिनिधियों को यह भी आश्वासन दिया कि यदि डीवीसी प्रबंधन पूर्व की भांति विलंब करता है, जो कि डीवीसी के वर्तमान प्रबंधन से अपेक्षित नहीं है, तो कैजुअल मजदूर एवं विस्थापित व्यक्ति अपने हक के लिए किसी भी लोकतांत्रिक आंदोलन का सहारा ले सकते हैं और ऐसी स्थिति में डीवीसी के सभी वंचित कैजुअल मजदूरों एवं विस्थापितों जिन्होंने डीवीसी के निर्माण के लिए अपने पूर्वजों का घर एवं जमीन कुर्बान कर दी है उनके हित में ऐसे आंदोलन को हर प्रकार की सहायता प्रदान करेंगे ।

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