संस्कारित, मर्यादित जीवन में धर्म – कर्म का सामंजस्य जरूरी है

कोलकाता। सत्संग भवन में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भागवताचार्य स्वामी त्रिभुवन पुरी महाराज के सानिध्य में सैंकड़ों श्रद्धालु भक्तों ने भक्ति भाव से गुरु पादुका पूजन किया । श्रीराम कथा वाचक प्रभाकर कृष्ण महाराज, युवाचार्य डॉ. आकाश शर्मा, स्वामी दुःखहरण परमहंस, स्वामी अखिलेश्वरानंद सरस्वती एवं अतिथियों का स्वागत सत्संग भवन के ट्रस्टी पंडित लक्ष्मीकांत तिवारी, श्यामसुंदर धानुका, दीपक मिश्रा, सत्यनारायण भट्टड़, मुकेश शर्मा, प्रदीप आसोपा, समाजसेवी शंकरलाल तिवारी एवं कार्यकर्ताओं ने किया । भागवताचार्य स्वामी त्रिभुवनपुरी महाराज ने अपने आशीर्वचन में श्रद्धालु भक्तों को गुरु के बताए मार्ग का जीवन में अनुसरण करने की प्रेरणा दी । गुरु वंदना के भक्ति भजनों की प्रस्तुति के साथ भक्तिमय वातावरण में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज, स्वामी अतुलानंद महाराज, स्वामी विश्वदेवानंद महाराज एवम मनीषियों का स्मरण करते हुए अतिथि वक्ताओं ने कहा संस्कारित, मर्यादित जीवन में धर्म – कर्म का सामंजस्य जरूरी है । गुरु का सानिध्य, सत्संग, प्रभु नाम का स्मरण मोक्ष प्राप्ति का सरल साधन है । बुलाकीदास मिमानी, भोला प्रसाद सोनकर, राजेन्द्र कुमार सोनी, अशोक शुक्ला, मनोज पराशर, तेजमल कछावा, अशोक तिवारी, राजू शर्मा, अभय पाण्डेय एवम कार्यकर्ता सक्रिय रहे । संचालन पुरुषोत्तम तिवारी ने किया ।

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