दुर्गापुर। दुर्गापुर इस्पात नगरी के चार नंबर वार्ड जयदेव एवेन्यू इलाके में शुक्रवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। जहां एक परित्यक्त आवास में एक टूटी हुई खटिया पर एक 80 साल के एक वृद्ध को को हाथ पैर रस्सी से बांधकर रखा गया था। जिसने भी यह दृश्य देखा। उसकी आंखें फटी की फटी रह गई। यह घटना आधुनिक मानव सभ्यता की एक तस्वीर है जो हैरान कर देने वाली है । इस घटना का पता तब चला जब दुर्गापुर के स्वास्थ्य कर्मी डेंगू को लेकर घर-घर सर्वे कर रहे थे। जब स्वास्थ्य कर्मी उक्त घर के बाहर पहुंचे तो अंदर से गड़गड़ाहट की आवाजें आ रही थीं। यह सुनकर स्वास्थ्यकर्मी की आंखें फ़टी रह गईं। स्वास्थ्य कर्मियों ने जब अंदर जाकर देखा एक टूटी हुई खटिया पर एक 80 साल उम्र का एक वृद्ध को को हाथ पैर रस्सी से बांध दिया गया है। उसके आंखों में आंसू टपक रहे हैं। इस घटना को लेकर इलाके में उत्तेजना का माहौल देखा गया।
. प्राप्त जानकारी के अनुसार दुर्गापुर के जॉयदेव एवेन्यू इलाके के मगाराम घोष जिनकी उम्र 80 साल के आसपास है उनके तीन बेटे हैं। एक बेटा स्टील फैक्ट्री में और दो बेटे प्राइवेट कंपनी में कर्मचारी हैं। तीनों बेटे दुर्गापुर में कहीं और रहते हैं। लेकिन उनके घर में बीमार बूढ़े पिता के लिए कोई जगह नहीं थी। लेकिन उन तीन लड़कों ने दुर्गापुर स्टील फैक्ट्री के एक वीरान मकान पर कब्जा कर लिया और पिता को इस वीरान मकान में खटिया से बांध कर रख दिया। जहां आसपास गंदगी पड़ी हुई थी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि शुक्रवार की सुबह दुर्गापुर नगर निगम के स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर डेंगू का सर्वे कर रहे थे तभी इस अमानवीय घटना का पता चला। स्थानीय लोगों ने इस घटना की खबर इलाके के पूर्व पार्षद मोनी दास गुप्ता को दी। मोनी दास गुप्ता को सूचना मिलते ही वह घटनास्थल पर पहुंची। जिसके बाद वृद्ध का बड़ा बेटा दयामय को फोनकर बुलाया गया और पुलिस को भी सूचना दी गई। तब तक स्थानीय लोगों की भी भीड़ जमा हो गई । बिमार वृद्ध मागाराम घोष को दुर्गापुर उपजिला अस्पताल ले गये। इस दौरान दयामोय घोष ने कहा, ”पिताजी यहीं रहते थे इसीलिए इसे यहां रखा गया है पिता का इलाज किया गया और उन्हें गिरने से बचाने के लिए रस्सी बांध दी गई। मैं अपने पिता की देखभाल के लिए नियमित रूप से आता हूं। पारिवारिक स्थिति खराब होने के कारण पिता का घर किराए पर है, इसलिए पिता को कब्जे वाले घर में रखा जाता है। लेकिन कुछ भी अमानवीय नहीं हुआ। मोनी दासगुप्ता ने कहा कि बेहद अमानवीय घटना है मैंने ऐसी क्रूर घटना पहले कभी नहीं देखी। मागाराम बाबू इलाके के बहुत अच्छे आदमी हैं, लेकिन मैं सोच भी नहीं सकता था कि उनके बेटे ऐसा कर सकते हैं। मैंने पुलिस को सूचित कर दिया है कि अगर जरूरत पड़ी तो मैं लड़कों के खिलाफ शिकायत दर्ज करूंगी। हम जागरूकता बढ़ाएंगे ताकि समाज में ऐसी घटनाएं न हों।