आसनसोल । आसनसोल जिला कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पीयूष कांति गोस्वामी ने गुरुवार बुधा स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि 26 तारीख को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय सुदर्शन भवन में आसनसोल प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुए थे। आसनसोल के धादका इलाके में स्थित इस कार्यालय में आकर इन अधिकारियों ने कार्यालय के कागजात की मांग की। दरअसल 24 या 25 तारीख को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में अपने कार्यालय से एक बयान दिया था कि आसनसोल के मंत्री मलय घटक से उन्हें पता चला है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आसनसोल कार्यालय तालाब को भरकर बनाया गया है। इसके अगले ही दिन आसनसोल नगर निगम के मेयर ने भी ऐसा ही एक बयान दिया। इसके उपरांत अधिकारी कार्यालय आए थे और उन्होंने कागजात देखने की मांग की। इसके बाद और अधिकारियों से समय मांगा गया और उनसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से अनुरोध किया गया कि वह उन्हें लिखित में नोटिस दें 27 तारीख को उन्हें लिखित में नोटिस दिया गया और उन्हें 7 दिन का समय दिया गया। पीयूष कांति गोस्वामी ने कहा की प्रशासन को सारे कागजात दे दिए गए हैं जिससे यह साबित हो जाता है कि वहां पर कभी तालाब नहीं था। वह एक जमीन थी जो पहले मुखर्जी परिवार की हुआ करते थे। बाद में उसे साव परिवार को बेच दिया गया। उन्होंने कहा कि वहां पर विवेकानंद सेवा समिति द्वारा आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण आसनसोल नगर निगम सहित विभिन्न सरकारी दफ्तरों से अनुमति लेकर यह भवन बनाया गया है। जिससे यह साबित होता है कि यह पूरी तरह से वैध है।