बांग्ला झारखंड का विख्यात हरूप मेला

 


पुरुलिया:- पुरुलिया के बाघमुंडी ब्लॉक का पड़ोसी राज्य झारखंड की सीमा से सटा हुआ तुनतुरी सुइसा अंचल में एक दिवसीय आम मेले का शनिवार को समापन हुआ। इस मेले का
विशेष आकर्षण आम है। यहां विभिन्न प्रकार के रसीले, स्वादिष्ट आम बहुत सस्ते दामों पर मिलते हैं। जिसके कारण यह मेला आमेर मेले के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही साथ हारूपडी गावँ के नाम से हारूप मेला, या इरगुनाथ बाबा के नाम से अंततः “इरगुनाथ मेला” के नाम से भी जाना जाता है। इरगुनाथ नागा बाबा हैं, जो एक बहुत प्राचीन खंडहरनुमा चौकुना मंदिर में स्थित हैं। चौकुनिया चारदीवारी एवं चारकुनिया तालाब के निशान स्थित हैं। जिसके कारण शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि यह स्थान कभी जैन धर्म को मानने वाले लोगों का निवास स्थान था और इसे जैन मूर्ति माना जाता है। यह जैन मंदिर बाद में इरगुनाथ मंदिर के नाम से जाना जाने लगा और पुरुलिया जिले सहित पड़ोसी राज्य झारखंड ओड़िसा सहित घाटशिला, बहरागोड़ा, बोड़ाम, पटमदा, चाकुलिया, रांची, बुंडू, तमाड़, सिली, मुरी, बाघमुंडी, झालदा, बलरामपुर, पुरुलिया समेत विभिन्न जगहों भी लोग मेला देखने, प्रार्थना करने और जलाभिषेक करने आते हैं।
इस वर्ष इस मेले में अत्यधिक गर्मी को ध्यान में रखते हुए मेले में आये सभी के लिए जय हिंद प्रशिक्षण केंद्र के प्रबंधन में व्हाट्सएप जंगल महल ग्रुप एवं क्षेत्र के प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से मेले में आये सभी लोगों के लिए एक विशाल जल छत्र का आयोजन किया गया। मेले में आए सभी लोगों ने उनकी इस बेहतरीन पहल की सराहना की।

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