कुल्टी, पश्चिम बंगाल आसनसोल के कुलटी विधानसभा इलाके मे स्थित नियामतपुर चबका यौनपल्ली की रहने वाली 40 वर्षीय पार्वती विश्वास की मौत 13 मई को हो गई, पार्वती पेसे से इलाके मे एक यौनकर्मी का कार्य करती थी और वह पिछले कई महीनों से एचआईवी पीड़ित थी, शुरुआती दौर मे जब पार्वती को यह पता चला की वह एचआईवी संक्रमित हो चुकी है, उस समय वह चबका स्थित दुरबार संस्था से सम्पर्क साध बर्दवान मेडिकल कॉलेज जाकर अपनी नियमित चिकित्सा करवा रही थी पर आर्थिक स्थिति काफी ख़राब होने व कहीं से कुछ सहयोग या मदद नही मिलने के कारण वह बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल नियमित रूप से जाने मे असमर्थ होने लगी जिस कारण उसकी इलाज और उसके देखरेख मे भारी कमी हुई और देखते ही देखते पार्वती की शारीरिक स्थिति कुछ इस कदर बिगड़ी की वह चलने फिरने मे भी पूरी तरह असमर्थ हो गई और उसकी बीमारी दिन प्रतिदिन कुछ इस कदर बिगड़ने लगी की उसको आनन -फ़ानन मे आसनसोल जिला अस्पताल मे भर्ती कराया गया, जहाँ चिकित्सकों ने पार्वती को बचाने के लिए जी तोड़ मेहनत की कई नाकाम कोशिसों के बाद वह पार्वती की तेजी से बिगड़ती शारीरिक स्थिति पर काबू नही पा सके और पार्वती जिंदगी और मौत की जंग अपनी जीवन हार गई, पार्वती की मौत हो गई, ऐसे मे पार्वती की इलाज और सही से देखरेख के अभाव मे गई जान के खिलाफ चबका यौन पल्ली की यौन कर्मियों ने जिले मे एचआईवी रोकथाम व जागरूकता अभियान चलाने वाली संस्थाओं के खिलाफ जोरदार मोर्चा खोल दिया है, उनका आरोप है की चबका यौनपल्ली व दिशा यौनपल्ली मे पुरुलिया अग्रामी महिला शिशु मंगल समिति यौनपल्ली मे कार्य करने वाली यौन कर्मियों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए कई तरह के कदम उठाने का दावा करती है, बावजूद उसके चबका मे रह रही करीब 20 से 25 की संख्या मे रह रही यौन कर्मी महिलाएं अब भी इलाज और सही से देखभाल के अभाव मे जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही हैं, हम बताते चलें की चबका मे 545 तो दिशा यौन पल्ली मे कुल 900 यौन कर्मी महिलाएं हैं, यानि की इन दोनों यौन पल्ली इलाकों मे कुल 1445 यौन कर्मी महिलाएं कार्य कर रही हैं, ऐसे मे पुरुलिया अग्रामी महिला शिशु मंगल समिति 15 मार्च 2023 से संस्था की खाता और कलम पर चबका की 350, दिशा की 200 और सीतारामपुर मुजरा पट्टी की रहने वाली कुल 50 यौन कर्मियों की एक लिस्ट बनाकर उनको स्वास्थ्य सेवा दे रही है, जबकि इलाके की यौन कर्मियों का यह आरोप है की यह संस्था 20 मई को इन यौन पल्लीयों मे जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए दिखाई दी और 12 महीनों तक संस्था ने इन यौन पल्ली इलाकों मे स्वास्थ्य सम्बंधित लिस्टेड यौनकर्मी महिलाओं के लिए तमाम तरह के जाँच व स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने का कार्य किया, पर यह सुविधा मार्च 2024 से एक बार फिर पूरी तरह ठप हो गया, यूँ कहें तो इलाके मे अपनी संस्था की लिस्टेड महिलाओं को स्वास्थ्य संबधित सेवा देने मे असफल रहा, ना तो संस्था द्वारा लिस्टेड यौन कर्मी महिलाओं को किसी तरह की कोई स्वास्थ्य सुविधा मिल पा रही है और ना ही उनका कोई जाँच ही हो पा रहा है, जबकि संस्था स्वास्थ्य विभाग से 25 लाख रुपए सलाना फंड लेती है, यह कहकर की वह इन यौन पल्ली मे रह रही यौन कर्मियों को हर तरह की स्वास्थ्य सम्बंधित सेवा प्रदान कर रही हैं, एचआईवी टेस्ट से लेकर विभिन्न प्रकार के उनकी जाँच करवा रही हैं, उनका समय -समय पर देखभाल कर रही हैं, वो भी संस्था के 9 इम्प्लोईयों के देख रेख मे जो इम्प्लोई संस्था द्वारा लिस्टेड यौनकर्मीयों की हर तरह की स्वास्थ्य सेवा व देखभाल की दावा करती हैं, बावजूद उसके इलाके मे रह रही 20 से 25 की संख्या मे एचआईवी पीड़ित यौनकर्मी महिलाएं उचित इलाज और देखरेख के अभाव मे हर पल अपनी मौत की राह तक रही हैं, साथ ही इलाके की ऐसी अन्य कई यौन कर्मी महिलाएं हैं संस्था द्वारा स्वास्थ्य सुविधा व विभिन्न प्रकार के समय -समय पर होने वाली जाँच परिकिर्या से वंचित हैं, हालांकि इलाके की रहने वाली यौनकर्मी महिलाओं ने राज्य स्वास्थ्य विभाग से लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग तक को जिले की ऐसी संस्थाओं के खिलाफ कोई ठोस कदम व कार्रवाई करने की मांग कर रही हैं जो उनके स्वास्थ्य सेवा पहुँचाने के दावे जमीनी स्तर पर तो नही पर कागजी स्तर पर दिखाकर स्वास्थ्य विभाग को लाखों का चुना लगा रहे हैं साथ मे दिशा और चबका यौनपल्ली की रहने वाली यौनकर्मी महिलाओं की स्वास्थ्य सेवा के नाम पर उनके जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, जिस मांग को जिले के स्वास्थ्य अधिकारीयों ने राज्य स्वास्थ्य विभाग को लिखित सुचना दे दी है पर उस सुचना के आधार पर कब स्वास्थ्य विभाग कोई ठोस कदम उठाएगी यह इंतजार दिशा और चबका यौन पल्ली मे रह रही 1445 यौन कर्मियों को है