कोलकाता । गत 21 और 22 मार्च की दरमियानी रात बीरभूम के बगटुई गांव में कम से कम आठ लोगों को जिंगा जलाए जाने के विरोध में शुक्रवार को शहर में बिना किसी राजनीतिक झंडे के प्रबुद्ध वर्ग द्वारा एक रैली निकाली गई।
रैली में छात्रों, शिक्षाविदों, फिल्म निर्देशकों और अन्य पेशेवरों सहित सभी क्षेत्रों के लोगों ने भाग लिया।
पीड़ितों के परिवारों के लिए न्याय की मांग करते हुए, प्रतिभागियों ने मध्य कोलकाता के मौलाली से उत्तर कोलकाता में टैगोर परिवार के निवास स्थान जोरासांको ठाकुरबारी तक पैदल चलकर इस जघन्य नरसंहार का विरोध किया।
रैली में भाग लेने वालों में शिक्षाविद पवित्र सरकार, फिल्म निर्देशक अनिक दत्ता और कमलेश्वर मुखोपाध्याय शामिल थे।
सरकार ने कहा, “हमारी मांग है कि जघन्य अपराध करने वालों को पकड़ा जाए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाए।”
मुखोपाध्याय ने कहा कि लोगों को राजनीतिक और व्यक्तिगत हितों से ऊपर उठकर हत्याओं के विरोध में शामिल होना चाहिए।
प्रतिभागियों ने हाथों में पोस्टर और बैनर लिए हुए इसे शर्मनाक घटना करार दिया। प्रदर्शनकारियों की रैली शांतिपूर्वक थी इसलिए पुलिस ने कहीं किसी तरह की कोई बाधा नहीं दी और शांति पूर्वक रेली अपने गंतव्य तक पहुंची।