कोलकाता । भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर पार्टी का पांच सदस्यीय केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट इलाके में घटनास्थल का दौरा किया है।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल में चार पूर्व वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी थे। दल में बंगाल से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता व पूर्व आइपीएस भारती घोष। इनके अलावा पांच सदस्य प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के राज्यसभा सदस्य व उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल, लोकसभा सांसद व मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर सत्यपाल सिंह एवं राज्यसभा सदस्य व कर्नाटक के पूर्व वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी केसी राममूर्ति शामिल थे। इनका नेतृत्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और बालूरघाट से सांसद सुकांत मजूमदार ने किया। प्रतिनिधिमंडल ने घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ित परिवारों से बात की और घटना के कारणों को समझने की कोशिश की है। पीड़ितों ने उन्हें बताया है कि तृणमूल नेता भादू शेख की हत्या के बाद गांव में रात भर आगजनी होती रही लेकिन पुलिस की टीम नहीं पहुंची। इसके अलावा मुख्यमंत्री द्वारा पीड़ित परिवारों को वित्तीय मदद और सरकारी नौकरी के आश्वासन को लेकर सुकांत मजूमदार ने सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि मृतक के परिजनों को पैसा, नौकरी देकर ममता बनर्जी शव खरीदना चाहती हैं।
अगर सरकार मूल कारणों पर गौर नहीं करेगी तो ऐसी कई घटनाएं होंगी। वह कानून और व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित नहीं कर सकती हैं। हम चाहते हैं कि सीबीआई और एनआईए द्वारा निष्पक्ष जांच हो।
मजूमदार ने बीरभूम हिंसा की निंदा की और कहा कि वह बंगाल में पिछले 10-20 वर्षों में इस तरह की भयावह घटना को याद नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा, “सीएम ममता बनर्जी को पहले आना चाहिए था। हमें याद नहीं है कि पिछले 10-20 वर्षों में इस (बीरभूम हिंसा) जैसी भयावह घटना हुई हो।” उन्होंने कहा, “ये हत्याएं मध्य युग की बर्बरता से मिलती-जुलती हैं, लोगों को बंद कर दिया गया और जिंदा जला दिया गया।”