कोलकाता । मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गुरुवार को बीरभूम जिले के रामपुरहाट ब्लाक अंतर्गत बगटुई गांव में जाकर जाकर हिंसा पीडि़तों से मिलने को विपक्ष ने नाटक करार दिया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा है कि ममता बनर्जी केवल दिखावा कर रही हैं। हकीकत यह है कि उन्हें कानून व्यवस्था संभालनी चाहिए लेकिन वह ध्यान भटकाने की कोशिश में लगी हुई हैं। पीड़ित परिवारों को रुपये के जरिए खरीदने की कोशिश में जुटी हैं।
माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने आखिरकार स्वीकार कर लिया कि रामपुरहाट में हिंसक वारदातें हुई हैं। वे अब वहां जाकर नाटक कर रही हैं। हिंसा पीडि़तों को चेक देकर उनका मुंह बंद करने की कोशिश की जा रही है लेकिन इस तरह से आवाज दबाई नहीं जा सकेगी।’
सलीम ने सवाल किया कि बंगाल में इतने हथियार कहां से आ रहे हैं? दरअसल तृणमूल कांग्रेस और अपराधियों में सांठगांठ है। पहले मुख्यमंत्री बीरभूम जिला तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष अणुव्रत मंडल को नियंत्रित कर रही थीं, अब मंडल मुख्यमंत्री को नियंत्रित कर रहे हैं। गिरफ्तार किए गए अनारूल हुसैन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ब्लाक अध्यक्ष सबकुछ तय कर रहे थे। पुलिस को नियंत्रित कर रहे थे। एसपी को कान पकड़कर बाहर कर देना चाहिए। आखिर वह किस बात के आईपीएस अधिकारी हैं?’
दूसरी तरफ बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने सवाल किया कि मुख्यमंत्री ने बगटूई गांव जाने में इतनी देर क्यों की? हिंसा पीडि़तों से मिलने पहुंचे अधीर ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है। सिर्फ पिछले महीने ही बंगाल में 26 राजनीतिक हत्याएं हुई हैं। चुनाव के दौरान व चुनाव बाद हुई हिंसा में बहुत से लोगों की जानें गई हैं।’
अधीर ने आगे कहा, ‘यहां मानव राज की जगह दानव राज है। मुख्यमंत्री ने राज्य को तबाह कर दिया है। पुलिस और तृणमूल की मिलीभगत से राज्य को लूटा जा रहा है। अन्य किसी राज्य को बंगाल जैसी स्थिति का सामना करना नहीं पड़ रहा है।’