
रानीगंज: आदालत ने रानीगंज क्षेत्र के ईमानदार सोने व्यापारी मनोज बर्मन को उनके व्यापारी प्रतिद्वंद्वी गणेश शॉ द्वारा दर्ज किए गए एक मामले में जमानत देने का फैसला किया है। मनोज बर्मन को 3 मई 2024 को रिहा किया गया था। उनके दावे के अनुसार, यह मामला गणेश द्वारा किए गए झूठे आरोप का परिणाम है जिसका उद्देश्य मनोज बर्मन की छवि को क्षति पहुंचाना और नुकसान पहुंचाना है। मनोज का दावा है कि यह झूठा मामला है। वह इस मामले को लड़ेगा और न्यायिक अदालत में सभी आरोपों को खंडन करेगा।
मनोज के अधिवक्ता मनीष शर्मा और यश सिंह चौहान का कहना है कि यह मामला आसनसोल सीजेएम कोर्ट में की गई एक शिकायत के आधार पर शुरू किया गया था। जनवरी 2024 के पहले सप्ताह में लांच हुई इस FIR में पहली गिरफ्तारी अप्रैल 2024 के पहले सप्ताह में हुई वह भी तब जब कोर्ट में वकीलों की हड़ताल चल रही थी। जनवरी में फाइल की गई एफआईआर में अभी तक केवल मात्र दो आरोपी गिरफ्तार हुए हैं और दो अभी तक फरार हैं और चारजसीट भी अभी तक फाइल नहीं की गई है। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह मामला हर प्रकार से बे बुनियाद है और उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है कि आरोपियों को जल्दी ही न्याय मिलेगा और उन्हें बाइज्जत भारी कर दिया जाएगा।
बताते चलें कि ऐसा पहली बार नहीं है कि गणेश साव ने मनोज बर्मन पर इस प्रकार के गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके पहले भी व्यक्तिगत मतभेद के कारण गणेश कई बार मनोज की छवि धूमल करने के लिए उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पर गौरतलाप यह रहा कि आज तक कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हो पाया। और सबसे रोचक बात इस मामले में यह है कि गणेश ने मनोज के ऊपर एक फौजदारी मामला तो फाइल कर दिया लेकिन अभी तक उन्होंने एक दीवानी यानी सिविल मामला फाइल कर जमीन वापस लेने के लिए कोई भी मामला अदालत में दाखिल नहीं कर पा रहे हैं। गौरतलाप यह रहा है कि सन 2014 से गणेश साहू विवादित जमीन को अपने नाम पर म्यूटेशन भी नहीं कर पा रहे हैं।
