रानीगंज (संवाददाता): रानीगंज के सुप्रसिद्ध अस्पताल मारवाड़ी रिलीफ सोसायटी के सामने वेतन समझौता एवं प्रबंधन के तानाशाही के आरोप में लगभग 2 घंटे तक अस्पताल के कर्मी , नर्स ने जमकर धरना प्रदर्शन एवं हंगामा किया। अस्पताल के प्रमुख आरपी खेतान के साथ भी अशब्द इस्तेमाल किया गया। पुलिस प्रशासन एवं प्रबंधन की ओर से अस्पताल प्रमुख आरपी खेतान के बीच बातचीत के बाद लिखित आश्वासन दिया गया कि आगामी 8 मार्च को विषय वस्तु पर समझौता की जाएगी।अस्पताल कर्मियों की ओर से माकपा नेता हेमंत प्रभाकर ने कहा कि आज आक्रोश होने की वजह है कि पिछले 14 महीनों से इस अस्पताल में कार्यरत कर्मियों का वेतन समझौता नहीं किया गया बार-बार प्रबंधन को सूचित किया गया लेकिन प्रबंधन तानाशाह का रुख अख्तियार करते हुए किसी प्रकार के बैठक से भागते रहे। वहीं दूसरी ओर रानीगंज नगर पालिका के पूर्व पार्षद एवं माकपा नेता सुप्रियो राय ने आरोप लगाया कि गरीबों का अस्पताल बताकर यहां से अनेकों तरह का लाभ उठाने का प्रबंधन प्रयास करती है। यहां के रोगियों को जांच के लिए अपने चिकित्सालय एवं जांच घर में ले जाया जाता है वही बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इस अस्पताल में प्रबंधन अपने लिए वातानुकूलित कार्यालय की व्यवस्था की है इतना नहीं बेवजह बिना योजना के करोड़ों रुपए का निवेश यहां ऑर्थोपेडिक चिकित्सा, डेंटल क्लिनिक आदि के नाम पर की है लेकिन इनके पास सटीक योजना नहीं गरीबों के नाम पर मात्र यहां राजनीति की जाती है और या करोड़ों रुपए का निवेश का कोई सदुपयोग नहीं है। दूसरी ओर मारवाड़ी अस्पताल परिसर में कई तरह के कार्यक्रम की जाती है ।जिसमें अन्न दान ,वस्त्र दान का हवाला दिया जाता हैऔर वास्तविकता है कि यहां कार्यरत कर्मी को इतना कम वेतन दी जाती है कि उनका संसार चलना मुश्किल है ।कोरोना महामारी के समय में इस अस्पताल के कर्मियों ने अहम भूमिका निभाई है इन्हें पुरस्कार की जगह तिरस्कार दी जा रही है। प्रबंधन की ओर से अस्पताल प्रमुख आर पी खेतान ने कहा कि मैंने कई दफा बातचीत के लिए इन्हें बुलाया था लेकिन नहीं आए। अस्पताल की स्थिति अच्छी नहीं है हम लोग दानदाताओं से लेकर अस्पताल को चलाते हैं। हम मानते हैं कि अस्पताल को पूरे नियम के तहत नहीं चला पा रहे हैं। लेकिन यह एक चैरिटेबल अस्पताल है यह समझने की जरूरत है। आज मेरे साथ जिस प्रकार से बदसलूकी की गई उसका मुझे बेहद खेद है।