निजी मिनी बस से एयरपोर्ट पहुंच रहे छात्र
रोमानिया एयरपोर्ट पर अपने नंबर आने का इंतजार कर रहे बांका के फंटूश कुमार
बिहार बांका (संवाददाता): बांका बौसी के छोटे से सुदूर गांव मड़वा वरण निवासी और होटल संचालक ज्ञान यादव के 20 वर्षीय पुत्र राजीव उर्फ फंटूश कुमार यूक्रेन में रहकर विगत वर्ष से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। यूक्रेन में रूसी हमले के बाद वहां रह रहे छात्र-छात्राओं की परेशानी लगातार बढ़ रही है। सुरक्षा आवासीय खाना पीना एवं सुख सुविधाओं के लिए भी लगातार वहां फंसे छात्रों को बिकते वक्त के साथ संघर्ष करना पड़ रहा है। बांका निवासी मेडिकल की पढ़ाई कर रहे फंटूश कुमार ने अपनी फोटो साझा करते हुए दूरभाष पर बताया कि पूर्वी यूक्रेन में अभी भी तनाव कम नहीं हुआ है जिसे रूसी सैनिकों ने अपना पहला टारगेट बना रखा है। खतरे की संभावित स्थिति को देखते हुए यहां फंसे छात्र-छात्रा अब अपने वतन को वापस होने के लिए संघर्ष कर रहे हैं वह जल्द से जल्द यहां से बाहर निकलना चाह रहे हैं।। यहां पढ़ाई कर रहे विभिन्न देशों के छात्रों का पलायन जारी है।
उन्होंने खुद के बारे में बताया कि वह लोग अपने मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई एवं एक साथ रहने वाले इंडिया के आने छात्र भी उनके साथ यहां वतन वापसी के लिए प्रयासरत हैं। टर्बो नील से करीब 600 किलोमीटर दूर रोमानिया एयरपोर्ट पहुंच गए हैं। बातचीत के दौरान उन्होंने बस से एयरपोर्ट यात्रा के दौरान अपनी सेल्फी भी साझा करते हुए बताया कि छात्र भारतीय तिरंगा से सजे बस में बैठने पर भारत माता की जय के नारे लगाए सभी खुश है कि वह अपने वतन को वापस हो रहे हैं। भारत के तिरंगे को यहां काफी सम्मान मिल रहा है। भारत सरकार के प्रयास से एरोप्लेन के माध्यम से उन सभी की वापसी होगी फिलहाल वापसी के लिए लंबी कतार एयरपोर्ट पर लगी हुई है उनका नंबर आते ही उन्हें भी मुंबई या दिल्ली के लिए वापस भेजा जाएगा। रूस से आंतरिक युद्ध के बाद अचानक यहां बस से लेकर हवाई यात्रा तक महंगी हो गई है। फिर भी आर्थिक दबाव के बावजूद छात्रों और यहां दूसरे देश में रहने वाले लोगों का पलायन तेजी से जारी है।इसलिए सभी फ्लाइटों में काफी भीड़ चल रही है। अब बस ईश्वर से दुआ है कि सभी लोग अपने अपने घर वापस सुरक्षित पहुंच जाए आर मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा बताए गए निर्देश के अनुसार मैं सभी ऑनलाइन क्लास में लग जाएंगे। यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन के माध्यम से क्लास करने का भरोसा दिलाया है। मामला शांत होने के बाद यहां वापसी की इच्छा जाहिर कर रहे हैं
10 दिन पहले यूनिवर्सिटी ने यह आदेश जारी किया कि जिन्हें घर जाना है वह वापस चले जाएं उसके बाद यहां से जाने वालों का सिलसिला जारी है। हालांकि विश्वविद्यालय ने कहा कि घर जाने के बाद ऑनलाइन शिक्षा जारी रहेगी क्योंकि यहां के नियमानुसार शत प्रतिशत उपस्थिति वाले को ही फाइनल सफलता मिल पाएगी। कैरियर को अभी पीछे छोड़ते हुए सुरक्षा को लेकर उन्हें देश वापस होना पड़ रहा है। उन लोगों की परिवार से भी लगातार बातचीत हो रही है वह लोग जल्द वापस आने का भरोसा दिला रहे हैं।
फंटूश सहित उनके दोस्तों का कहना है युद्ध में तनाव की स्थिति के कारण हमलोग अच्छे से कोई सो नहीं पा रहा है । तरह तरह की सूचनाओं के कारण नींद उड़ी हुई है। बेचैनी के कारण नींद भी नहीं आ रहे हैं। अब ईश्वर से प्रार्थना है कि वह जल्द से जल्द सकुशल घर पहुंचा दें ताकि संकट की संभावना से पहले घर पहुंच जाए।