कोलकाता । नगर पालिका चुनाव में केंद्रीय बलों की नियुक्ति को लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा है कि चुनाव आयोग इस पर 24 घंटे के अंदर फैसला ले। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं होती है तो चुनाव के दौरान हिंसा की सारी जिम्मेवारी चुनाव आयोग को लेनी होगी।
हालांकि, फैसला लेने से पहले चुनाव आयोग को राज्य प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ बैठक करनी होगी। कोर्ट ने कहा है कि यदि केंद्रीय बलों के बिना चुनाव होता है तो आयोग को इस निर्णय के पीछे स्पष्टीकरण के बारे में अदालत को सूचित करना होगा। केंद्रीय बलों के बिना चुनाव में अशांति होने पर उसकी जिम्मेदारी भी राज्य चुनाव आयुक्त पर होगी। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की अध्यक्षता वाली कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने यह भी कहा कि शांति पूर्वक और निष्पक्ष तरीके से मतदान संपन्न कराने की जिम्मेवारी चुनाव आयोग की है। लोगों का भरोसा टूटना नहीं चाहिए।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न हुए चार नगर निगमों के चुन में पुलिस की मौजूदगी में ही हुई हिंसा को आधार बनाकर भारतीय जनता पार्टी ने जनहित याचिका लगाई थी जिसमें राज्य की 108 नगर पालिकाओं में आगामी 27 फरवरी को होने वाले चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की गई थी।