कोलकाता ; तृणमूल और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच भी तकरार बढ़ती जा रही है। प्रशांत किशोर की संस्था आईपैक ने ममता को ट्विटर पर अनफॉलो कर दिया है । प्रशांत किशोर की फॉलोइंग सूची में भी ममता नहीं है। नतीजतन, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तृणमूल-आईपैक में अलगाव हो गया है। लेकिन खास बात यह है कि प्रशांत किशोर का संगठन तृणमूल कांग्रेस के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को फॉलो कर रहा है। ऐसे समय में जब अभिषेक बनर्जी और ममता बनर्जी के समर्थकों के बीच सोशल मीडिया पर तकरार चल रहा है तब प्रशांत किशोर का यह कदम राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। दावा किया जा रहा है कि सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस दो फाड़ हो गई है और अभिषेक बनर्जी के गुट को ममता के मुकाबले ज्यादा समर्थन मिल रहा है।
विपक्ष ने बताया नाटक
– हालांकि तृणमूल कांग्रेस के अंदर चल रही इस उठापटक को विपक्ष में नाटक करार दिया है। इस मुद्दे पर सीपीएम नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन तृणमूल में है, किसके साथ क्या संबंध है, कौन किसे फॉलो कर रहा है। तृणमूल एक पार्टी थी, वहीं से अब पीसी, वाइपो (भतीजा), पीके, आईपैक कंपनी बन गई है। कंपनी की हिस्सेदारी किसे अधिक मिलेगी इसी की लड़ाई है।
प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि जब तक तृणमूल कांग्रेस पर किसी एक नेता का पूरी तरह से कब्जा नहीं हो जाता तब तक लड़ाई जारी रहेगी।
हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस में कोई बिखराव नहीं है। ममता बनर्जी ही पार्टी का अंतिम चेहरा हैं और उन्हीं का कहना अंतिम वाक्य होगा। इसमें कोई संशय नहीं है।