कोलकाता । जोका बीबीडी बाग मेट्रो की राह के रोड़े छंट गए हैं। विक्टोरिया और मैदान इलाके में भूगर्भ सुरंग बनाने की अनुमति भारतीय सेना ने दे दी है। कलकत्ता हाई कोर्ट में सेना की ओर से यह जानकारी दी गई है। आरवीएनएल जो मेट्रो सुरंग खुदाई का काम कर रहा है उसे अब केवल राज्य सरकार के विभिन्न विभागों से अनुमति लेनी है। उसके बाद टोली नाला से धर्मतल्ला तक भूगर्भ सुरंग खुदाई का काम शुरू हो जाएगा। विक्टोरिया से मैदान मेट्रो स्टेशन के बीच का इलाका भारतीय सेना के अधीन है और यहां भूगर्भ खुदाई के लिए सेना की अनुमति की जरूरत थी। इसके लिए मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा था। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ में सेना की ओर से अनुमति वाला स्वीकारोक्ति पत्र जमा कर दिए जाने के बाद काम शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि जोका बीबीडी बाग मेट्रो का काम वर्ष 2010 से शुरू है। मोमिनपुर से धर्मतल्ला तक तीन मेट्रो स्टेशन बनाए जाने हैं जो पूरा इलाका सेना के अधीन आता है। यह काम करने के लिए सेना की अनुमति की जरूरत होती है। बार-बार आवेदन के बावजूद भारतीय सेना रेलवे विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को काम करने की अनुमति नहीं दे रही थी। टनल बोरिंग मशीन (टीवीएम) लाकर रखी गई थी लेकिन काम शुरू नहीं हो पा रहा था इसलिए आरवीएनएल ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 22 सितंबर 2010 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने जोका से बीबीडी बाग तक मेट्रो परियोजना का शिलान्यास किया था। बाद में इसका रूट बदलकर जोका से धर्मतल्ला तक कर दिया गया। उसी साल कोलकाता नगर निगम और राज्य सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग ने नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट दे दिया था। परिवहन विभाग की ओर से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया गया था। केंद्रीय रेल मंत्रालय ने सुरंग खुदाई और मेट्रो निर्माण का काम आरवीएनएल को सौंपा था। उसके पहले वर्ष 2005 में हाई कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सेना के अधिकार वाले क्षेत्र में जमीन के नीचे अथवा ऊपर कोई भी काम नहीं किया जा सकेगा। यहां तक कि इस इलाके में पेड़ भी नहीं काटे जा सकेंगे। इसी आदेश की वजह से मेट्रो सुरंग खुदाई के काम में भी जटिलता थी जो अब छंट गई है।