सीबीआई ने शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में कोर्ट में सौंपी रिपोर्ट

 

कोलकाता। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को ऑप्टिकल मार्क मान्यता शीट (ओएमआर) में हेरफेर के माध्यम से प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितताओं की जांच की प्रगति पर कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ को एक रिपोर्ट सौंपी।जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की बेंच में सीबीआई के वकील ने सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी। इसी बेंच में मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी को होगी। इससे पहले इसी साल अगस्त में सीबीआई ने जस्टिस गंगोपाध्याय की बेंच को एक रिपोर्ट सौंपी थी, लेकिन वह उस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने पाया कि मामले में कोई खास प्रगति नहीं हुई है। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्राथमिक शिक्षकों के लिए लिखित परीक्षाओं में उपयोग की जाने वाली ओएमआर शीट के डिजिटलीकृत डेटा में बहुत सारी अनियमितताएं थीं। निष्कर्षों के अनुसार, ओएमआर शीट से छेड़छाड़ कथित स्कूल नौकरी मामले में लागू किए गए पांच तरीकों में से एक था, अन्य चार में सिफारिश पत्रों के बिना नियुक्ति, समाप्त-पैनल से नियुक्तियां, खोई हुई योग्यता में नाम के बिना लोगों की नियुक्ति शामिल थीं। प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि ओएमआर शीट में इस छेड़छाड़ से लाभार्थियों की संख्या अन्य चार तरीकों को लागू करके की गई नियुक्तियों से कहीं अधिक है। यह प्रवृत्ति सिर्फ प्राथमिक शिक्षकों के मामले में ही नहीं बल्कि माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों के मामले में भी है।प्रारंभिक जांच में विभिन्न राज्य संचालित स्कूलों में ग्रुप-सी और ग्रुप-डी श्रेणियों में गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति के मामले में ओएमआर हेरफेर की कई घटनाएं भी सामने आई हैं।

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