राजनीति में उम्र की सीमा को लेकर तृणमूल में आंतरिक कलह, अभिषेक ने की थी पैरोकारी

कोलकाता, 11 दिसंबर । सभी राजनीतिक पदों के लिए ऊपरी आयु सीमा तय करने के पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के प्रस्तावित सिद्धांत पर तृणमूल कांग्रेस के भीतर आंतरिक कलह तेज होती जा रही है।

मुख्य रूप से इस मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस के तीन बार के लोकसभा सदस्य सौगत रॉय और पार्टी के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष के बीच तीखी बहस ने तूल पकड़ लिया है।

वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने कहा है कि, ऐसी टिप्पणियां अनुचित हैं और विभाजन की जड़ें पैदा करती हैं। किसी को यह याद दिलाने की जरूरत नहीं है कि ममता बनर्जी ही अंतिम निर्णय लेने वाली अधिकारी हैं।

राय पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में से एक हैं। वह 1998 में पार्टी की स्थापना के बाद से तृणमूल कांग्रेस के साथ नहीं थे, क्योंकि उसी वर्ष लोकसभा चुनाव में उन्होंने कोलकाता-दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से ममता बनर्जी के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।

अब उनकी टिप्पणी पर तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने बसपा प्रमुख मायावती की हाल ही में अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी में अपना उत्तराधिकारी नामित करने की घोषणा करने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हालांकि यह बसपा का आंतरिक मामला है, नए नेतृत्व को आगे लाने की बसपा नेता की पहल वास्तव में प्रशंसा की पात्र है। मुझे उम्मीद है कि नेतृत्व की नई पीढ़ी प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों के साथ मिलकर काम करेगी।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि पार्टी के भीतर नेताओं के बीच इस तरह के झगड़े एक सूक्ष्म संकेत देते हैं कि 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नामांकन के समय इस तरह के आंतरिक मतभेद भयानक रूप ले सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक ममता बनर्जी इस मामले में जारी बयानबाजी और जवाबी बयानबाजी को खत्म करने के लिए हस्तक्षेप नहीं करतीं, तब तक इस आंतरिक कलह के और बढ़ने के आसार हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?