कोलकाता, 23 नवंबर । शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किए गए पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने गुरुवार को कोर्ट में पहुंचने के बाद कोर्ट में पेश नहीं होने की अर्जी लगाई है।
उन्होंने पैर में दर्द और सूजन के कारण अलीपुर की विशेष सीबीआई अदालत में पेश नहीं होने की गुहार लगाई।
सूत्रों के मुताबिक इस दिन उन्हें कोर्ट में लाया गया था। वहां न्यायालय में पहुंचने पर उन्होंने कहा कि सीढ़ियों से दूसरी मंजिल के कोर्ट रूम में आना उनके लिए संभव नहीं है। उनके पास सीढ़ियां चढ़ने का कोई रास्ता नहीं है। इसलिए उन्होंने वकील के माध्यम से कोर्ट रूम में पेश न होने का अनुरोध किया। कोर्ट ने याचिका मंजूर कर ली है।
सूत्रों के मुताबिक, जज ने कोर्ट इंस्पेक्टर से वर्चुअल पेशी की व्यवस्था करने को कहा, लेकिन कोर्ट इंस्पेक्टर ने बताया कि कोर्ट लॉकअप में इंटरनेट कनेक्शन बहुत खराब है। यह सुनकर जज ने हवालात के बाहर वर्चुअल कॉल कनेक्ट करने का आदेश दिया। पार्थ ने बताया कि वह किसी जमानत के लिए आवेदन नहीं कर रहे हैं लेकिन उनकी एक और अपील है।
इसके बाद पार्थ ने जेल में फिजियोथेरेपी के लिए आवेदन किया। वकील के माध्यम से कोर्ट में अर्जी लगाई गई। इसके साथ ही पूर्व शिक्षा मंत्री ने किडनी के इलाज का अनुरोध किया। हालांकि, पार्थ चाहते है कि उनका इलाज जेल की मेडिकल टीम करे। किसी बाहरी अस्पताल या डॉक्टर से नहीं। संयोग से, केंद्रीय जांच ब्यूरो ने शुरू से ही पार्थ की जमानत के विरोध में दलील दी। कोर्ट में पार्थ को वापस हिरासत में भेजने का आदेश देने के साथ ही उनकी सेहत का ख्याल रखने को कहा है।