“अगले साल फिर आना मां” के उद्घोष के साथ कोलकाता में एक हजार प्रतिमाओं का विसर्जन

कोलकाता, 24 अक्टूबर । मंगलवार को दशमी के दिन सुबह से ही राजधानी कोलकाता समेत पूरे राज्य में दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन की तैयारियां शुरू हो गई थीं। राज्य प्रशासन की ओर से बताया गया है कि  शुक्रवार रात तक  राजधानी कोलकाता समेत हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना,  पूर्व पश्चिम मेदिनीपुर  समेत  नदिया, मालदा आदि जिलों में 1500 से अधिक दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन हुगली नदी में किया गया है। लोगों ने नम आंखों से मां दुर्गा को विदा किया है। प्रतिमा के विसर्जन के दौरान लोग “चलती बछर आबार एसो मां” ( अगले साल फिर आना मां) का उद्घोष किया है।
इनमें से अकेले कोलकाता में  कमोबेश 1000 दुर्गा पूजा प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ है। बताया गया है कि  27 अक्टूबर यानी  शुक्रवार तक राज्य भर में दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन होगा। विभिन्न पूजा पंडालों में महिलाओं के सिंदूर खेल के बाद पूजा आयोजकों की ओर से प्रतिमाओं का विसर्जन के लिए राजधानी कोलकाता के 24 गंगा घाटों पर 1000 से अधिक दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया है। नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में पुष्टि की। उन्होंने बताया कि कोलकाता में कमोबेश 3000 बड़ी दुर्गा पूजा होती है जबकि विभिन्न घरों में एक हजार के करीब दुर्गा पूजा होती है। इन पूजा कमेटियों द्वारा दशमी से ही प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया है। शाम 4:00 बजे के बाद राजधानी कोलकाता के बाबूघाट, बाजे कदम तला घाट, निमटाला घाट, जज कोर्ट, पोदार कोर्ट आदि गंगा घाटों पर एक के बाद एक प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया था। रात सात बजे खबर लिखे जाने तक इन घाटों पर करीब एक हजार दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ है।

गंगा घाटों पर ड्रोन से निगरानी
निगम अधिकारी ने बताया कि सुबह से ही गंगा घाट पर साफ-सफाई और लाइटिंग की व्यवस्था नगर निगम की ओर से कर दी गई थी। इसके अलावा विभिन्न गंगा घाटों पर नगर निगम की ओर से 500 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है जो साफ सफाई और निगम की ओर से मुहैया कराई जाने वाली तमाम सुविधाएं सुनिश्चित करने में मदद कर रहे हैं। इसके साथ ही निगम की 45 कचरा निपटान गाड़ियों को भी लगाया गया है जो चौबीसों घंटे गंगा किनारे से विसर्जन के बाद बचे कचरे को निकाल कर तय जगहों पर निपटारा कर रहे हैं। इसके अलावा कोलकाता पुलिस की ओर से भी बड़े पैमाने पर गंगा घाटों पर सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। 5000 होमगार्ड के जवानों के अलावा करीब दो हजार से अधिक कोलकाता पुलिस के जवान विभिन्न पूजा कमेटियों के यहां तैनात किए गए थे जो विसर्जन के लिए लाए गए दुर्गा प्रतिमाओं के साथ गंगा घाट तक पहुंचे हैं। किसी भी तरह की दुर्घटना को टालने के लिए कोलकाता पुलिस की टीम ड्रोन से निगरानी रख रही है।
इस बार खास बात यह रही कि दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान पूजा मंडप से गंगा घाट तक बड़ी संख्या में लोग नाचते गाते हुए घाटों पर भी पहुंचे लेकिन डीजे नहीं बजाया गया।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार की शाम इस बारे में बताया कि दुर्गा पूजा से पहले ही कोलकाता पुलिस की ओर से करीब 2800 दुर्गा पूजा कमेटियों को आदर्श विसर्जन का चार्ट सौंपा गया था जिसमें यह साफ कर दिया गया था कि एक से अधिक लाउडस्पीकर नहीं बजाया जा सकेगा। डीजे की अनुमति बिल्कुल नहीं थी। पूजा कमेटियों ने भी इसे माना है और कहीं भी किसी भी तरह की अप्रिय घटना अथवा टकराव की स्थिति नहीं बनी है।
कोलकाता के अलावा हावड़ा जिले में भी 17 गंगा घाटों पर कमोबेश 500 से अधिक दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया है। यहां भी सुरक्षा और साफ-सफाई की पुख्ता व्यवस्था हावड़ा पुलिस कमिश्नरेट और हावड़ा नगर निगम की ओर से की गई थी।

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