राज भवन के बाहर धरने पर राज्यपाल सख्त, मुख्य सचिव से पूछा : किसने दी अनुमति?

 

कोलकाता, 9 अक्टूबर । पश्चिम बंगाल में 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना सहित अन्य केंद्रीय योजनाओं के मद में केंद्र के बकाए के खिलाफ राज भवन के बाहर अभिषेक बनर्जी और उनकी पार्टी के नेताओं के धरने पर राज्यपाल डॉक्टर सी वी आनंद बोस सख्त हो गए हैं। यहां सुरक्षा के लिहाज से 24 घंटे सातों दिन धारा 144 लागू होने के बावजूद अभिषेक बनर्जी ने धरना कैसे दिया, मंच कैसे बनाया गया, हजारों की संख्या में तृणमूल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता लगातार पांच दिनों तक कैसे यहां एकत्रित होकर हंगामा नारेबाजी करते रहे इस बारे में उन्होंने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। राज भवन के एक अधिकारी ने सोमवार को सुबह बताया कि रविवार रात सिलीगुड़ी से कोलकाता लौटने के बाद राज्यपाल ने राज्य के मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने पूछा है कि राजभवन के बाहर धरना देने के लिए तृणमूल कांग्रेस को अनुमति दी गई थी या नहीं? उन्होंने मुख्य सचिव से पूछा है कि राजभवन के बाहर इस तरह का धरना दिया जा सकता है या नहीं? इसके बारे में क्या नियम है? क्या इससे किसी कानून का उल्लंघन हुआ है या नहीं?
उन्होंने मुख्य सचिव से जल्द से जल्द सवालों का जवाब देने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि राजभवन के बाहर अभिषेक बनर्जी के धरना को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल खड़ा किया था। पार्टी के वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि राज भवन के बाहर हमेशा धारा 144 लगी रहती है। यहां इस तरह के कार्यक्रम की अनुमति कभी नहीं दी जा सकती। यह राजभवन और राज्यपाल की सुरक्षा के लिए घर खतरा है। लेकिन कोलकाता पुलिस ने नियमों को ताक पर रखकर तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर कानून के घोर उल्लंघन में मदद की है।
भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा था कि राज भवन के बाहर इस तरह से कभी भी राजनीतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं रही है। इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है लेकिन सरकार में शामिल पार्टी के नेता ऐसा कर रहे हैं और पुलिस उसमें मददगार है। यह खतरनाक है।

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