भगवान अपने भक्तों का विश्वास कभी नहीं तोड़ते। प्रभु भक्ति में लगाया गया धन और समय कभी व्यर्थ नहीं जाता – भागवताचार्य श्री हरीश तिवाड़ी

नया मंदिर में श्री डीडवाना नागरिक सभा की संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा संपन्न

श्री डीडवाना नागरिक सभा द्वारा अपनी स्थापना के 70 वें वर्ष पर मनाई जा रही प्लेटिनम जयन्ती के उपलक्ष्य में नया मंदिर, बाँधाघाट-हावड़ा में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आज समापन हो गया। आज की संगीतमय कथा में शिशुपाल वध, कृष्ण-सुदामा मिलन एवं शुकदेव विदाई आदि प्रसंगों का वर्णन किया गया। व्यासपीठ से बोलते हुए श्री हरीश तिवाड़ी ने सुदामा- कृष्ण मिलन का सुंदर वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान अपने भक्तों का विश्वास कभी नहीं तोड़ते। प्रभु से रिश्ता तभी बनता है जब उनके प्रति आपके हृदय में अटूट समर्पण हो। कथा सुनो तो उसे जीवन में उतारो भी। प्रभु भक्ति में लगाया गया धन और समय कभी व्यर्थ नहीं जाता। बंगेश्वर महादेव मंदिर परिसर में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का आज समापन सत्र था। कथा के उपरांत विशाल शोभायात्रा के साथ भागवतजी की पोथी को बंगेश्वर महादेव प्रांगण स्थित राधाकृष्ण मन्दिर ले जाया गया। तदुपरान्त पूर्णाहुति हवन व प्रसाद वितरण के साथ समापन कार्य सम्पन्न हुआ। मुख्य यजमान परिवार से श्रीबल्लभ नागोरी एवं राजेश नागोरी ने पूजा अर्चना की। तत्पश्चात दैनिक यजमानों द्वारा आरती की गयी।

व्यास पीठ से संस्था के अध्यक्ष अरुण प्रकाश मल्लावत को शाल ओढ़ाई गयी एवं हनुमान जी के विग्रह का मोमेंटो प्रदान किया गया तथा सभी कार्यकर्ताओं को अंगवस्त्र प्रदान किया गया। उन्होंने इतने भव्य कार्यक्रम के व्यवस्थित रूप से सम्पन्न होने का श्रेय सहयोगियों एवं कार्यकर्ताओं को देते हुए सभी पदाधिकारियों को सफल आयोजन के लिए बधाई दी। दिव्य, अद्भुत, विशाल आयोजन में कोलकाता महानगर के अलावा मुंबई, राजस्थान, दिल्ली से दूर-दूर से लोग इसमें भाग लिए थे सभी अतिथियों का सम्मान संस्था के अध्यक्ष श्रीमान अरुण प्रकाश जी मल्लावत ने किया। उन्होंने कथा आयोजन की परिकल्पना व सहयोगियों की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य यजमान नागोरी परिवार तथा व्यासपीठ पूजन यजमान ईश्वरजी मुरलीधर ध्यावाला, दिनेशजी अग्रवाल(भारूका), ओमप्रकाश जी बांगङ, अरूणप्रकाशजी मल्लावत परिवार, सुमेरचन्द जी सिंघवी रहे। छप्पन भोग के यजमान राजगोपालजी पसारी तथा नन्दोत्सव यजमान महावीरप्रसाद एवं हेमचन्द्र भाभङा। दैनिक प्रसाद यजमान मनोहरजी अग्रवाल, रामकिशोरजी बगङिया, राजेन्द्रजी बांगङ, विजय-बेणुगोपालजी मजेजी, बंकटलालजी प्रवीण गग्गङ, श्यामसुंदरजी दलाल, देवेन्द्रजी बांगङ, मूलचन्द जी जाजू, निर्मल जी घोड़ावत, महेशजी उमेशजी श्रीमाल। दैनिक श्रंगार यजमान रमेशजी गुप्ता, पुरुषोत्तमजी रुवटिया, बेनीगोपालजी सिंगी, श्यामसुंदर राजकमल बांगङ, सम्पतकुमार जी मानधना, कृष्णकुमारजी अग्रवाल, नरेशकुमारजी मनोज काकङा, जगदीशजी बनवारी मलावत, विकास-विवेक जोशी, भागीरथ जी चांडक, सुभाष जी जाजू , प्रतापसिंह राजेंद्रसिंह मुणोत, दामोदरदास जी मूछाल, विष्णुकांत जी गट्टाणी, अनिलकुमारजी अक्षत जैन, नवीन जी व्यास, राजेंद्र जी सेठिया, बनवारीजी जोशी हिन्दमोटर, अनिलजी सुनीलजी श्रीमाल, मनोज जी सारङा, भैरूदानजी सुगनजी सेठिया, सत्यनारायण जी सचिन जाजू, सत्यनारायण जी विजय गिनोङिया, रमेश जी भरतिया, विष्णुप्रसाद जी मनोज पसारी एवं श्रीमती मैनादेवी मिश्रा सीकर आदि सभी उदारमना दाताओं को हार्दिक आभार एवं अभिनन्दन।

कथा में मूल पारायण के साथ श्री विष्णु सहस्त्रनाम, श्री गोपाल सहस्त्रनाम, श्री राम रक्षा स्तोत्र, गीता पाठ तथा ओम नमो भगवते वासुदेवाय जप आदि करने वाले विद्वान पंडितों का भी सम्मान किया गया।

श्रीमती अलका काकङा ने कुशलता के साथ आयोजन का मंच संचालन किया। उपमंत्री द्वय सम्पत मान्धना एवं मनोज काकङा ने अन्य कार्यकर्ताओं के साथ पूरी तत्परता से कथा स्थल की व्यवस्थाओं को सम्भाला।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?