कोलकाता, 29 अगस्त । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पोयला बैसाख को पश्चिम बंगाल दिवस के तौर पर मनाने के लिए आज मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। राज्य सचिवालय के प्रेक्षागृह में यह बैठक होनी थी। लेकिन यह एक दलीय बैठक बनकर रह गई। इसमें विपक्षी भाजपा, माकपा या कांग्रेस का कोई भी प्रतिनिधि नहीं पहुंचा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केवल उन्हीं की पार्टी के लोग थे। इसमें इस बात पर सहमति बनी है कि पहले बैशाख के साथ पश्चिम बंगाल के लोगों के भावनाएं जुड़ी हुई हैं। वैसे बंगाल के अस्तित्व के लिए कोई दिन लिखित नहीं है इसलिए लोगों की भावनाओं से जुड़े इस दिन को ही पश्चिम बंगाल दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। इसके लिए जल्द ही पश्चिम बंगाल विधानसभा में प्रस्ताव लाए जाएंगे।
विपक्षी प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने असंतोष जाहिर किया। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि ऐसे महत्वपूर्ण निर्णय में भी विपक्ष के प्रतिनिधि शामिल नहीं हुए हैं। खास तौर पर इंडिया गठबंधन के सरिक दलों यानी माकपा और कांग्रेस के प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति को लेकर उन्होंने दुख जाहिर करते हुए कहा कि इंडिया बैठक की जब भी जरुरत हुई तो मैं उसमें उपस्थित रही हूं। मैंने कभी भी किसी को निराश नहीं किया और ना ही मैं किसी के खिलाफ तीखी भाषा का इस्तेमाल करती हूं लेकिन मेरे खिलाफ यहां लगातार काम हो रहा है।