श्रीमद्भगवदगीता में छिपा है सुखी रहने का रहस्य

 

स्व.श्री बद्री विशाल नागोरी की पुण्यतिथि पर गीता प्रवचन एवं सम्मान समारोह

कोलकाता (अरुण प्रकाश मल्लावत)। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी श्री रामगोपाल सोहिनी देवी नागोरी चैरीटेबल ट्रस्ट, श्री डीडवाना नागरिक सभा एवं कोलकाता प्रादेशिक माहेश्वरी सभा के संयुक्त तत्वावधान में श्रद्धेय स्व. श्री बद्री विशाल नागोरी की २१वीं पुण्य तिथि पर वार्षिक व्याख्यानमाला का आयोजन 2 अगस्त, 2023 को स्थानीय कला कुंज सभागार में किया गया।
हमारे जीवन में गीता का महत्व विषय पर ओजस्वी वक्ता एवं गीता मर्मज्ञ, इस्कॉन के स्वामीजी श्री राधावल्लभ दास जी महाराज का व्याख्यान हुआ। स्वामी जी ने अपने सारगर्भित प्रवचन द्वारा उपस्थित धर्मानुरागियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने गीता के माध्यम से स्वंय पर नियंत्रण एवं भौतिक ईच्छाओं का त्याग करने का मार्ग बताया। उन्होने कहा कि कलयुग मे अच्छी संगत मे रहने से हमारे में अच्छे गुण रहेगें। हमे प्रत्येक कार्य को भगवान की ओर जाने के लिए करना चाहिए। मानव को मोह माया मे नहीं फंसना चाहिए। ईच्छाओं के त्याग से ही पुनः जन्म मरण के चक्र से बचा जा सकता है, एवम यही मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सराफ ने की। स्वागत भाषण श्री डीडवाना नागरिक सभा के अध्यक्ष  अरूण मल्लावत ने प्रस्तुत किया। श्रीमती मधु माहेश्वरी ने श्रीभगवद्गीता एवं अपने पिता स्व. श्री बद्री विशाल नागौरी के प्रति अपने मनोभाव व्यक्त किए।
इस अवसर पर डॉ. मनोज कुमार डागा को स्व. श्री बद्री विशाल नागोरी स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। श्री मुकुंद राठी ने डॉ. डागा का माल्यार्पण कर स्वागत किया तथा डॉ. महेश कुमार माहेश्वरी द्वारा अंगवस्त्र प्रदान किया गया।  नन्द कुमार लढा द्वारा सम्मान पत्र का वाचन किया गया तथा स्वामी जी के कर कमलों द्वारा डॉ. मनोजकुमार डागा को प्रदान किया गया।
देवेश नागोरी द्वारा कार्यक्रम अध्यक्ष संतोष सराफ का परिचय दिया गया। उनको माल्यार्पण  सूर्य प्रकाश तोषनीवाल द्वारा एवं अंगवस्त्र से सम्मानित श्री रमेश भइया द्वारा किया गया। स्वामी जी का परिचय श्री विनोद कुमार जाजू द्वारा दिया गया। स्वामी जी का माल्यार्पण डॉ. श्रीबल्लभ नागोरी एवम डॉ. मनोजकुमार डागा द्वारा किया गया। अंगवस्त्र से सम्मान संतोष सराफ द्वारा किया गया।
सम्पत मानधना द्वारा भजन प्रस्तुति व नीरव नागोरी द्वारा कविता पाठ किया गया।
कार्यक्रम में नागोरी परिवार से श्रीमती हीरामणी, प्रभा, सरिता, निशा, अभिलाषा , उपमा, हेमा, राजश्री , राजेश, नरेश, किशन, कुलदीप, राहुल, ऋषभ नागोरी आदि उपस्थित रहे। अन्य गणमान्य लोगों में सर्वश्री श्याम काबरा, श्रीमती दुर्गा व्यास, शशी भईया, स्नेहा भराड़िया, भँवरलाल राठी, सीताराम मूँधडा, शार्दुुल सिंह जैन, श्रीबल्लभ भूतड़ा , श्रीराम मुंधड़ा, अरुण अनिता लढा़, दीनदयाल जाजू, अमित मुंधड़ा, जगदीश मुंधङा, हरीश जाजू, मनोज कासट, बेणु गोपाल जगदीश बलदेवा, विवेक, सतीश, मनीश भईया, संदीप मोहता, प्रेमसुख लाहोटी, सुरेंद्र खेमानी, किशन गोपाल मानधना, दिलीप मदनलाल लाहोटी, प्रवीण-नीता गग्गड़, रमेश-सुमन चाण्डक, गिरिराज चितलांगिया, भँवरलाल जोशी, राम प्रसाद बलदेवा, महेश मालपानी आदि प्रमुख थे।
हरीश तिवाड़ी ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया तथा सूरज नागोरी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यकम का समापन हुआ।

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